महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को रिहा कर दिया गया है। वे 14 महीने बाद जेल से बाहर आए हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कई बड़े नेताओं ने ऑर्थर रोड जेल के बाहर उनका स्वागत किया। इससे पहले बॉम्बे उच्च न्यायालय ने सीबीाई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार मामले में देशमुख को जमानत देने के आदेश पर रोक बढ़ाने से इनकार कर दिया था। उसके बाद से ही उनकी रिहाई की संभावना बढ़ गई थी।
इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जयंत पाटील ने सीबीआई के साथ ही केंद्र सराकर की आलोचना की है। उन्होंन कहा है कि देशमुख को राजनीतिक षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है। उनके खिलाफ कोई भी अपराध साबित नहीं हो सका, इसलिए उन्हें अब रिहा किया जा रहा है। इसके साथ ही पार्टी सांसद सुप्रिया सुले ने केंद्र पर देशमुख के खिलाफ षड्यंत्र करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि देशमुख के ठिकानों पर 109 बार छापेमारी की गई है। ऐसा पूरी दुनिया में कहीं नहीं हुआ है।
स्वागत में ये नेता मौजूद
देशमुख के स्वागत के लिए राकांपा के शरद पवार को छोड़कर पार्टी के करीब सभी बड़े नेता ऑर्थर रोड जेल के बाहर उपस्थित रहे। उनमें नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार, जयंत पाटील, छगन भुजबल, दिलीप वसले पाटील आदि शमिल थे।
इस कारण बॉम्बे उच्च न्यायालय ने उनकी रिहाई पर लगा दी थी रोक
बता दें कि न्यायमूर्ति एम एस कर्णिक ने राकांपा के 73 वर्षीय नेता को 12 दिसंबर को जमानत मिल गई थी। लेकिन सीबीआई ने सर्वोच्च न्यायालय में इस आदेश को चुनौती देने के लिए समय मांगा था। उसके अनुरोध पर बॉम्बे उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत पर 10 दिनों के लिए यानी 27 दिसंबर तक रोक लगा दी थी।
इस तरह चली सुनवाई
इसके बाद सीबीआई ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवजा खटखटाया था, लेकिन वहां उसकी अपील पर सुनवाई होने में काफी देरी होगी। बताया गया कि मामले की सुनवाई जनवरी 2023 तक ही हो पाएगी। इसका कारण यह है कि फिलहाल न्यायालय में शीतकालीन अवकाश चल रहा है। उसके बाद सीबीआई ने बॉम्बे उच्च न्यायालय से उनकी न्यायिक हिरासत एक बार फिर आगे बढाने की मांग की थी, लेकिन 27 दिसंबर को बॉम्बे उच्च न्यायालय ने उसकी इस अपील को खारिज कर दिया था।