Money Laundering Case: कर्नाटक के पूर्व मंत्री बी. नागेंद्र को ईडी ने किया गिरफ्तार, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में कथित अनियमितताओं से जुड़ी धन शोधन जांच के सिलसिले में राज्य के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता बी नागेंद्र को गिरफ्तार कर लिया।

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मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) लगातार कार्रवाई (Action) कर रही है। अब ईडी ने 13 घंटे की पूछताछ के बाद पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता बी नागेंद्र (B. Nagendra) को गिरफ्तार (Arrested) कर लिया है। जानकारी के अनुसार, उन पर महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में कथित अनियमितताओं (Irregularities) का आरोप (Allegations) है।

सूत्रों के अनुसार, कर्नाटक वाल्मीकि निगम घोटाला मामले में करीब 13 घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने शुक्रवार रात 10:30 बजे नेता बी नागेंद्र को अपनी हिरासत में ले लिया। बी नागेंद्र को शनिवार (13 जुलाई) को विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा। जहां ईडी मामले में आगे की पूछताछ के लिए कोर्ट से रिमांड मांगेगी।

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बता दें, इससे पहले ईडी ने गुरुवार (11 जुलाई) को कर्नाटक समेत 4 राज्यों (आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र) में 20 जगहों पर छापेमारी कर 50 लाख रुपये समेत कई दस्तावेज जब्त किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, वाल्मीकि निगम में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला तब प्रकाश में आया, जब निगम के लेखा अधीक्षक पी चंद्रशेखरन ने 26 मई को आत्महत्या कर ली। इस दौरान उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर 87 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया था।

कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में धन के हेरफेर का मामला तब प्रकाश में आया, जब इसके लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली। मौके से चंद्रशेखरन द्वारा लिखा गया एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि निगम के बैंक खाते से 187 करोड़ रुपये का अनधिकृत हस्तांतरण किया गया है। उसमें से 88.62 करोड़ रुपये अवैध रूप से विभिन्न खातों में भेजे गए। ये बैंक खाते कथित तौर पर मशहूर आईटी कंपनियों और हैदराबाद स्थित एक सहकारी बैंक के हैं। राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए आपराधिक जांच विभाग में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मनीष खरबीकर की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी ने मामले की जांच के सिलसिले में मंगलवार को नागेंद्र और ददल से पूछताछ की थी।

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