अल-कायदा के चार दोषियों को सात साल की जेल, दो आरोपी बरी! जानिये, क्या है मामला

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक रहमान यूपी में मदरसा चलाता था, जहां कई छात्र पढ़ते थे। मदरसे में पढ़ रहे छात्रों को रहमान आतंकी गतिविधियों के लिए तैयार करता था।

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दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने देश भर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रचने के आरोपित और अल-कायदा इन इंडियन सबकंटीनेंट (एक्यूआईएस) के चार दोषियों को सात साल और पांच महीने की कैद की सजा सुनाई है। स्पेशल जेल संजय खनगवाल ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ये आदेश दिया।

कोर्ट ने 10 फरवरी को इन्हें दोषी करार दिया था। न्यायालय ने जिन आरोपितों को दोषी करार दिया, उनमें मौलाना मोहम्मद अब्दुल रहमान कासमी, मोहम्मद आसिफ, जफर मसूद और अब्दुल समी शामिल हैं। कोर्ट ने इन आरोपितों को यूएपीए की धारा 18 और 18बी के तहत दोषी करार दिया। कोर्ट ने इस मामले के दो आरोपितों को बरी करने का भी आदेश दिया। कोर्ट ने मोहम्मद जिशान अली और सबील अहमद को बरी करने का आदेश दिया।

ये है मामला
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक रहमान यूपी में मदरसा चलाता था, जहां कई छात्र पढ़ते थे। मदरसे में पढ़ रहे छात्रों को रहमान आतंकी गतिविधियों के लिए तैयार करता था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक जफर मसूद युवाओं को एक्यूआईएस के आतंकी एजेंडे के लिए तैयार करता था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मोहम्मद आसिफ को दिल्ली के सीलमपुर से गिरफ्तार किया था जबकि रहमान को कटक के जगतपुर इलाके से पकड़ा था। स्पेशल सेल के मुताबिक रहमान के सऊदी अरब, पाकिस्तान और दुबई में संपर्क थे।

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