उत्तर प्रदेश में दो दिनों के अंदर चार बच्चों की मौत हो चुकी है।कई बच्चे अभी गाँव में बीमार हैं और उनका इलाज हॉस्पिटल में चल रहा है।घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच कर रही है।
यह है मामला
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि बच्चों के बीमार होने पर इलाज के बजाय झाड़-फूंक कराने के चक्कर में पड़े थे।अधिकारी ने ग्रामीणों से अपील की कि बीमार होने पर झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़े, बल्कि नजदीकी अस्पताल जाकर इलाज कराएं।इसके पीछे खांसी-बुखार होने के साथ ही सांस का फूलना बताया जा रहा है.बच्चों की मौत की खबर मिलते ही सीएमओ डॉ लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व में टीम ने गांव में जाकर जांच की है। इस दौरान ग्रामीणों को साबुन,दवाइयां भी दी गई हैं।जौनपुर की अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मृतको की उम्र 6 महीने से लेकर 5 साल तक बताई जा रही है। जिसके बाद उनके द्वारा खुद गांव में जाकर जांच की गई है।
4 मासूमों की मौत
जौनपुर के गांव में दो दिनों के अंदर 4 बच्चों की मौत हो चुकी है।18 अगस्त को छह महीने के बेटे रोहन कि मौत हो गई है।उसी इसी दिन शाम को गांव के ही अर्जुन बनबासी की चार वर्षीय बेटी परी की भी मौत हो गई।अगले दिन 19 अगस्त को अर्जुन की दूसरी बेटी सोहनी ने भी दम तोड़ दिया। 20 अगस्त को महेश की बेटी शालू की भी बीमारी से मौत हो गई है। गांव में और भी बच्चे बीमार हैं जिनका इलाज फिलहाल हॉस्पिटल में किया जा रहा है।बच्चों की मौत की खबर मिलते ही सीएमओ डॉ लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व में टीम ने गांव में जाकर जांच की है।स्वास्थ्य टीम द्वारा बच्चों को रोज नहलाने के साथ हीसाफ़-सफाई बरतने पर विशेष ध्यान देने की अपील की गई।