देश में साइबर क्राइम का खतरा बढ़ती तकनीक के साथ बढ़ रहा है। झारखंड में साइबर क्राइम की घटनाएं हो रही हैं। यहां जामताड़ा में भले साइबर क्राइम कम हो रहा लेकिन राज्य में पांच ऐसी जगह हैं, जहां साइबर क्राइम सबसे अधिक है। देशभर में दस ऐसे जिले जहां साइबर क्राइम के सबसे ज्यादा मामले हैं, उनमें चार जिले झारखंड के हैं। टॉप टेन में जामताड़ा, देवघर, गिरिडीह और बोकारो शामिल हैं।
झारखंड के देवघर से 10 प्रतिशत साइबर अपराध हैं। इस रिपोर्ट में हैरान करने वाली बात यह है कि झारखंड के चार जिले इस सूची में शामिल हैं। इनमें बोकारो से 2.4 प्रतिशत, जामताड़ा में 9.6 प्रतिशत, देवघर में 10 प्रतिशत और गिरिडीह से 2.3 प्रतिशत साइबर अपराध के मामले हैं। इस सूची में नीचे करमाटाड़ को भी शामिल किया गया है।
झारखंड में 5350 मामले आए सामने
झारखंड में पिछले साढ़े चार साल ( साल 2019 से लेकर जुलाई 2023 तक) में साइबर अपराध के 5350 मामले सामने आए है। 1432 मामले सिर्फ रांची जिले में दर्ज हुए है। इसके अलावा धनबाद में 496, देवघर में 405, जमशेदपुर में 384 और हजारीबाग में 348 मामले दर्ज हैं। साइबर अपराध में कई ऐसे मामले सामने आते रहे हैं जो कभी दर्ज नहीं हुए। राज्य में बढ़ते साइबर मामलों को देखते हुए झारखंड के आठ जिलों में साइबर क्राइम थाना का गठन होना है। इनमें बोकारो, रामगढ़, चाईबासा, रांची, लातेहार, हजारीबाग, दुमका और सरायकेला शामिल हैं। साइबर अपराध के बढ़ते मामले को देखते हुए झारखंड पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को अन्य जिलों में भी साइबर थाने को लेकर प्रस्ताव भेजा था। मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद सहमति मिल गयी है। इस फैसले से संभव है कि अब झारखंड में बढ़ते साइबर अपराध पर नियंत्रण रखा जा सके।
ये जिले शामिल
ताजा रिपोर्ट में जिन जगहों पर साइबर क्राइम हब के रूप में पहचाना गया है, उनमें लातेहार, धनबाद, संताल परगना, हजारीबाग, खूंटी, नारायणपुर और रांची शामिल है। जिनमें सबसे ज्यादा क्राइम के प्रकार है उनमें ओटीपी स्कैम सबसे ज्यादा है। इसके बाद केवाईसी को लेकर अपराध के मामले हैं। इलेक्ट्रिक बिल के लेकर हुए फ्राड और ऑनलाइन गेम शो केबीसी को लेकर हुए फ्राड सबसे ज्यादा हैं।
पुलिस कस रही है शिकंजा
इस संबंध में रांची के सीटी एसपी राज कुमार मेहता ने कहा कि साइबर अपराधियों पर नकेल कसने की पुलिस प्रयास कर रही है। इसमें पुलिस को सफलता भी मिल रही है। लोगों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर कार्यशाला भी आयोजित की जा रही हैं।