Chhattisgarh: 21 मार्च को सुकमा में दो लाख की एक इनामी महिला नक्सली के साथ चार नक्सलियों ने पुलिस एवं सीआरपीएफ अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।
छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ एवं सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना का बड़े स्तर पर प्रभाव देखने को मिल रहा है। पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी है कि अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के विचारधारा एवं उनके अत्याचार तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर उक्त नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
इन नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
आत्मसमर्पित नक्सलियों में केएएमएस अध्यक्ष, दुलेड़ आरपीसी, 35 वर्षीया दो लाख की इनामी महिला नक्सली कलमू आयते पति भीमा उर्फ कुहराम, निवासी ताड़मेटला गोंण्डेपारा थाना चिंतागुफा शामिल है। साथ ही मिलिशिया सदस्य मोरपल्ली आरपीसी 27 वर्षीय नुप्पो रघु, निवासी मोरपल्ली इत्तापारा थाना चिंतालनार, 22 वर्षीय मड़कम कोना, निवासी कंगालतोंग थाना भेजी तथा 27 वर्षीय सोड़ी लच्छा (मिलिशिया सदस्य, मोरपल्ली आरपीसी) निवासी मोरपल्ली इत्तापारा थाना चिंतालनार ने भी आत्मसमर्पण किया है। सभी जिला सुकमा के निवासी हैं।
इन सभी नक्सलियों ने संगठन को छोड़कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने के उद्देश्य से 21 मार्च को पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जिला सुकमा में निरीक्षक रोशन सिंह राजपूत, प्रभारी नक्सल सेल, निरीक्षक अर्पण गोगोई, 50 वाहिनी सीआरपीएफ, निरीक्षक सुजीत कुमार, 223 वाहिनी सीआरपीएफ के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया है।
नक्सली कलमू आयते को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित करने में 223 वाहिनी सीआरपीएफ, एवं 03 पुरुष नक्सलियों को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में 151, 50, 218, वाहिनी सीआरपीएफ, 204 वाहिनी कोबरा एवं रेंज फिल्ड टीम कोन्टा के कार्मिकों का विशेष प्रयास रहा।
उपरोक्त सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ के तहत् सहायता राशि एवं अन्य सुविधा प्रदान की जाएगी।
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