मुंबई के विले पार्ले स्थित कारोबारी विजय माल्या के किंगफिशर हाउस बेच दिया गया है। नौवें प्रयास में हैदराबाद के सैटर्न रियल्टर्स ने उसे 52.25 करोड़ रुपए में खीरद लिया। यह कभी माल्या के स्वामित्व वाली अब बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस का मुख्यालय हुआ करता था। माल्या पर विभिन्न बैंकों के लगभग 9,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।
सैटर्न रियल्टर्स ने इस सौदे के लिए महाराष्ट्र सरकार को 2.612 करोड़ की स्टैंप ड्यूटी का भुगतान किया है। यह सौदा 31 जुलाई को रजिस्टर किया गया था।
2016 में संपत्ति की गई थी अटैच
मुंबई एयर पोर्ट के बाहर 240.70 वर्ग मीटर में फैली यह संपत्ति 2016 में अटैच कर ली गई थी। कर्ज वसूली प्राधिकरण, बेंगलुरू पिछले आठ प्रयासों में फेल होने के बाद आखिर नौवें प्रयास में बेचने में सफल हो गया। रियल एस्टेट रिसर्च फर्म लियासेज फोरस के एमडी पंकज कपूर ने कीमत कम होने के लिए इसके स्थान और बाजार की स्थिति को कारण बताया। कपूर ने कहा कि ऊंचाई के प्रतिबंधों के कारण इस स्थान के विकास की अधिक संभावना नहीं है। इसका कारण यह है कि यह एयर पोर्ट के पास स्थित है। इसके साथ ही इन दिनों बाजार की स्थिति भी ठीक नहीं है। वित्तीय कारणों से 20 अक्टूबर 2012 को किंगफिशर एयरलाइंस को बंद कर दिया गया था।
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ब्रिटेन में रह रहा है माल्या
फिलहाल यूनाइटेड किंगडम में रह रहा भगोड़ा घोषित विजय माल्या भारत में प्रत्यर्पण से बचने के लिए कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहा है। वह 2019 में गिरफ्तार किए जाने के बाद से ब्रिटेन में प्रत्यर्पण वारंट पर जमानत पर है। इससे पहले जून में विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि किंगफिशर एयरलाइंस और विजय माल्या से संबंधित 5646.54 करोड़ रुपए की संपत्ति भारतीय स्टेट बैंक और उसके समूह को दे दिया जाए, ताकि उसकी बिक्री की जा सके।