Gangster: मुंबई 93 बम धमाकों का आरोपी गैंगस्टर अबू सलेम जेल से बाहर आने की जल्दी में है। हाल ही में अबू की पूर्व गर्लफ्रेंड उससे नासिक जेल में मिली थी। अपनी प्रेमिका से मिलने के बाद अबू को जेल से बाहर निकलने की जल्दी है। उसने रिहाई की सही तारीख जानने के लिए विशेष टाडा अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
अबू सलेम का दावा
अबू सलेम ने टाडा कोर्ट में दी अर्जी में दावा किया है कि 20 जुलाई को उसने नासिक जेल के अधीक्षक को पत्र लिखकर जेल में बिताए दिनों की जानकारी दी थी। उन्होंने विचाराधीन अवधि सहित कारावास की कुल अवधि, साथ ही दोषसिद्धि की अवधि और क्षमा, जिसके लिए वह पात्र होगा, को ध्यान में रखते हुए रिहाई की तारीख के बारे में जानकारी मांगी है। उसने आवेदन में दावा किया कि उसका अनुरोध सही है।
सलेम ने अर्जी में दावा किया है कि उसने 23 साल और सात महीने से अधिक कारावास की सजा काट ली है। उसने अदालत से अनुरोध किया है कि जेल अधिकारियों को उनकी जेल की सजा पूरी होने के बाद नासिक सेंट्रल जेल से उसकी रिहाई की तारीख के बारे में सूचित किया जाए या उसे कितने और दिन जेल में बिताने होंगे, इस बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
एटीएस ने की पूछताछ
10 अक्टूबर को नासिक जेल में एक महिला और एक विदेशी अबू सलेम से मिलने आए थे। सलेम से मिलने आई महिला और विदेशी से आतंकवाद निरोधी दस्ते ने पूछताछ की और पता चला कि वह महिला अबू सलेम की पूर्व प्रेमिका है। महिला ने पुलिस से दावा किया कि उसने सलेम से मिलने के लिए जरूरी अनुमति ली थी। सूत्रों के मुताबिक, अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम से मिलने जाने वाली महिला उसकी पूर्व प्रेमिका है। उनका अफेयर 15 से 20 साल पुराना है। अबू सलेम ने पहले उससे शादी करने की अनुमति के लिए अदालत में आवेदन किया था, लेकिन उसके अनुरोध को खारिज कर दिया गया था। इस महिला से मिलने के बाद अबू सलेम जेल से बाहर निकलने की फिराक में है।
क्या अबू करेगा शादी?
सवाल उठ रहा है कि क्या सलेम अपनी पूर्व प्रेमिका से शादी करना चाहता है। क्योंकि उससे मिलने के बाद से ही जेल से बाहर आने को बेताब है। हालांकि इस बारे में अभी तक कोई पक्की जानकारी नहीं मिल पाई है।
सलेम का जेल से बाहर आने का दूसरा प्रयास
कोर्ट नेउसकी याचिका पर सीबीआई और जेल अधिकारियों से जवाब मांगा है। इसकी रिलीज़ डेट जानने का सलेम का यह दूसरा प्रयास है। सलेम को 1993 के बम विस्फोटों और 1995 में मुंबई के बिल्डर प्रदीप जैन की हत्या के मामले में नवंबर 2005 में भारत प्रत्यर्पित किया गया था।