उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 16 साल पहले हुए सीरियल ब्लास्ट के मुख्य आरोपित वलीउल्लाह को गाजियाबाद की एक अदालत ने शनिवार को दोषी करार दिया। अदालत 06 जून को सजा पर फैसला सुनाएगी।
बम धमाके के आरोपित वलीउल्ला को कड़ी सुरक्षा में डासना जेल से ले जाकर जिला जज जितेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत में पेश किया गया। सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने मामले के मुख्य आरोपित वलीउल्लाह को दोषी करार दिया।
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कराए थे शृंखलाबद्ध धमाके
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता राजेश शर्मा ने बताया कि 07 मार्च 2006 को वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन और संकट मोचन मंदिर में लगातार बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में 18 लोगों की मौत हो गई थी और 35 से ज्यादा घायल हुए थे। उसी शाम को दशाश्वमेध घाट पर भी विस्फोटक पदार्थ मिले थे। मामले में पुलिस ने 05 अप्रैल 2006 को प्रयागराज के फूलपुर गांव निवासी वलीउल्लाह को गिरफ्तार किया था। वलीउल्लाह पर संकट मोचन मंदिर और वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर विस्फोट की साजिश रचने और आतंकवाद फैलाने का आरोप था।
वाराणसी के अधिवक्ताओं का साहसी निर्णय
वाराणसी के अधिवक्ताओं ने वलीउल्लाह का मुकदमा लड़ने से इनकार कर दिया था। इस वजह से इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह मुकदमा गाजियाबाद की अदालत में ट्रांसफर कर दिया था। तभी से जिला जज की अदालत में इस मामले में सुनवाई चल रही थी।