इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मांगी गई जानकारी उपलब्ध न कराने पर एनसीआर प्रयागराज के महाप्रबंधक को रिकॉर्ड सहित 20 मार्च को तलब किया है । विवादित भवन को यथास्थिति जारी रखने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा मामला कानपुर नगर का है, किंतु जवाबदेह दोनों अधिकारियों का मुख्यालय प्रयागराज में है। कोर्ट ने याची को अंतरिम राहत देते हुए रेलवे अधिवक्ता से जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था। किंतु छह हफ्ते बीत जाने के बाद भी रेलवे द्वारा कोई जानकारी अपने अधिवक्ता को नहीं दी गई। जिसे कोर्ट ने दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए महाप्रबंधक को हाजिर होने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने राधेश्याम गुप्ता (मृतक) व अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
18 अगस्त को आदेश ले लिया था वापस
मालूम हो कि याची ने सिविल वाद दायर किया और उसमें दाखिल अर्जी निरस्त कर दी गई तो अपील दाखिल की गई। कोर्ट ने 2008 में ही यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया, अन्यथा भवन ध्वस्त कर दिया गया होता। याची की अपील 29 अप्रैल 15 को अदम पैरवी में खारिज हो गई थी, किन्तु अदालत ने 14 अगस्त 18 को अपना यह आदेश वापस ले लिया था।
रेलवे की कार्यवाही के खिलाफ याचिका दायर
इसी मामले में रेलवे की कार्यवाही के खिलाफ यह याचिका दायर की गई है। हाईकोर्ट ने भारत सरकार के अधिवक्ता से 31 जनवरी 23 को जानकारी मांगी और यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया। किंतु प्रयागराज में ही कार्यालय होने के बावजूद जानकारी मुहैया नहीं कराई गई। जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। याचिका की सुनवाई 20 मार्च को होगी।