Ghatcopar Incident: घाटकोपर होर्डिंग हादसे (Ghatkopar hoarding incident) की जांच 17 मई (शुक्रवार) को मुंबई क्राइम ब्रांच (Mumbai Crime Branch) को सौंप दी गई। मामले के मुख्य आरोपित भावेश प्रभुदास भिंडे (Bhavesh Prabhudas Bhinde) को आज विक्रोली कोर्ट ने 26 मई तक पुलिस कस्टडी (police custody) में भेजने का आदेश दिया है। भिंडे को मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने राजस्थान में उदयपुर के एक होटल से गिरफ्तार किया था, जहां वह गलत पहचान बताकर रुका था।
पुलिस के अनुसार घाटकोपर में ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर लगाई गई विशालकाय होर्डिंग सोमवार को गिर गई थी। यह मामला पंतनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था लेकिन इसकी भनक लगते ही भिंडे गिरफ्तारी के डर से भाग गया था।
यह भी पढ़ें- Swati Maliwal Assault: “जिस हद तक गिर सकता है गिर जा, एक दिन सच्चाई सामने आएगी”- स्वाति
विक्रोली कोर्ट में किया पेश
पुलिस टीम भावेश भिंडे को तीन राज्यों में तलाश रही थी लेकिन मुंबई पुलिस ने गोपनीय सूचना के आधार पर उसे गुरुवार को उदयपुर के एक होटल से गिरफ्तार करके मुंबई लेकर आई। पूछताछ के बाद पुलिस ने भावेश भिंडे को विक्रोली कोर्ट में पेश किया और कस्टडी मांगी।
यह भी पढ़ें- Lok Sabha Elections: “तीसरे कार्यकाल में समान नागरिक संहिता लागू करेगी मोदी सरकार”- राजनाथ
26 मई तक पुलिस कस्टडी
भिंडे की ओर से पेश वकील रिजवान मर्चंट ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल पर धारा 304 गलत लगाई गई है। साथ ही भावेश भिंडे की गिरफ्तारी गलत तरीके से किए जाने का भी आरोप कोर्ट में लगाया। रिजवान मर्चंट ने बताया कि होर्डिंग 2023 में सभी प्रमाणपत्र लेकर लगाई गई थी लेकिन सोमवार को हवा की रफ्तार 96 घंटे प्रतिघंटा थी, इस वजह से होर्डिंग गिर गई थी। इसके बाद कोर्ट ने भिंडे को 26 मई तक पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दे दिया।
यह वीडियो भी देखें-
Join Our WhatsApp Community