Ghatkopar hoarding incident case: मुंबई के घाटकोपर होर्डिंग हादसा मामले में विशेष जांच दल ने 30 मई को ‘स्ट्रक्चर कंसल्टेंट’ मनोज रामकृष्ण को गिरफ्तार कर लिया है। मनोज रामकृष्ण ने दुर्घटनाग्रस्त होर्डिंग को ‘संरचनात्मक स्थिरता’ प्रमाणपत्र प्रदान किया था। इस बीच भावेश भिंडे की पुलिस हिरासत गुरुवार (30 मई) को खत्म हो गई और कोर्ट ने भिंडे को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अब विशेष जांच टीम ने इगो मीडिया कंपनी के निदेशक जान्हवी मराठे की तलाश कर रही है।
13 मई को हुआ था हादसा
घाटकोपर पूर्व के लोहमार्ग पुलिस स्टेशन में एक विशाल अवैध होर्डिंग 13 मई को एक पेट्रोल पंप पर गिर गया, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 80 अन्य घायल हो गए। इस मामले में होर्डिंग लगाने वाली कंपनी इगो मीडिया के मालिक भावेश भिंडे, निदेशक समेत संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ पंतनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच को अपराध शाखा को सौंपे जाने के बाद इसकी जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। विशेष जांच दल ने भावेश भिंडे को 16 मई को उदयपुर से गिरफ्तार किया था। भावेश भिंडे की पुलिस हिरासत 30 मई को खत्म हो गई। मुंबई के किला कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
मनोज रामकृष्ण गिरफ्तार
इस बीच, विशेष जांच दल ने 30 मई को इस दुर्घटना के सिलसिले में ‘स्ट्रक्चर कंसल्टेंट’ मनोज रामकृष्ण को गिरफ्तार कर लिया है। मनोज रामकृष्ण ने दुर्घटनाग्रस्त होर्डिंग लगाने का प्रमाणपत्र प्रदान किया था। मनोज रामकृष्ण बीएमसी के पैनल में हैं और उन्होंने होर्डिंग को 80×80 फीट का ‘संरचनात्मक स्थिरता’ प्रमाण पत्र दिया था।
विशेष टीम की जांच में पता चला कि होर्डिंग मूल रूप से 120×140 का था, अवैध था और इसका निर्माण भी घटिया था। इस घटना में मनोज रामकृष्ण दूसरी गिरफ्तार है, उन्हें 31 मई को किला कोर्ट में पेश किया जाएगा। इगो मीडिया प्रा.के जान्हवी मराठे, जो इस कंपनी की निदेशक हैं, फरार हैं। विशेष जांच टीम उनकी गहन तलाश कर रही है।
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