कर्नाटक में हिजाब पहनने की जिद को लेकर जिन छात्राओं ने परीक्षा छोड़ दी थी, उनके सामने अब परेशानियों का पहाड़ खड़ा होने जा रहा है। कर्नाटक सरकार ने उन छात्राओं को दंडित करने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने अपने निर्णय में कहा है कि जिन छात्राओं ने परीक्षा छोड़ी है, उनके लिए वह फिर से परीक्षा नहीं करवाएगी। 12 वीं की इन छात्राओं ने प्रैक्टिकल परीक्षा का बहिष्कार किया था।
प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने इस बारे में कहा कि इन छात्राओं ने उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद परीक्षा का बहिष्कार किया। अगर हम इनके लिए अलग से परीक्षा का प्रबंध करते हैं तो दूसरे छात्र किसी और कारण बताकर दूसरा मौका मांग सकते हैं। ये संभव नहीं है।
छात्राओं को होगा बड़ा नुकसान
बता दें कि प्री यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं में प्रैक्टिकल में 30 अंक होते हैं, जबकि थ्योरी 70 अंक की होती है। पूरी परीक्षा 100 अंक की होती है। इस स्थिति में अगर हिजाब पहनने वाली छात्राओं को प्रैक्टिकल का दोबारा मौका नहीं दिया जाता है तो उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।