..ऐसे गिरफ्तार हुई गॉड मदर!

मुंबई के पूर्वी उपनगर में करीमा को कुछ साल पहले तक लोग स्लम क्वीन कहते थे लेकिन, अब उसका क्षेत्र में सिक्का चलता है। उसकी दरबार लगती है। वो अनाथों को उठाकर लाती है और उन्हें रोटी देने के साथ ही अपराध की कुंजी बांट देती है। ये है कामराज नगर की गॉडमदर। जो अब सलाखों के पीछे पहुंच चुकी है।

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सरकारी जमीन और खाड़ी में झोपड़े बनाकर पैसे कमाने निकली थी भंगारवाले की बीवी। लेकिन उसने पूर्वी उपनगर के अपराध में अपना सिक्का जमा लिया। अब वो गैंग की सरगना है। हथियारों की सप्लाई का भी आरोप है। गॉड मदर की तरह उसका दरबार लगता है जहां मसले सुलझाए जाते हैं। लेकिन अब ये गॉड मदर गिरफ्तार हो चुकी है।

मुंबई के पूर्वी उपनगर में करीमा को कुछ साल पहले तक लोग स्लम क्वीन कहते थे लेकिन, अब उसका क्षेत्र में सिक्का चलता है। उसकी दरबार लगती है। वो अनाथों को उठाकर लाती है और उन्हें रोटी देने के साथ ही अपराध की कुंजी बांट देती है। ये है कामराज नगर की गॉडमदर। जो अब सलाखों के पीछे पहुंच चुकी है।

इस मामले में हुई अंदर

अंतरराष्ट्रीय आतंकी दाउद इब्राहिम की बहन हसीना आपा के बाद अब एक नई गॉड मदर के रूप में करीमा खड़ी हो रही है। उसे मुंबई पुलिस के हफ्ता निरोधी दल ने गिरफ्तार किया है। उसके तीन साथियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गॉडमदर करीमा आपा पर आरोप है कि उसने कुख्यात गुंडे फहीम मचमच के गिरोह को हथियार उपलब्ध कराया है।

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ऐसी है आपराधों की रानी

करीमा मुजीब शाह उर्फ करीमा आपा पूर्वी उपनगर के कामराज नगर में अपने अपराध का साम्राज्य चलाती है। करीमा का पति भंगार का धंधा करता है। करीमा 4थी पास है। 2012 में वो खाड़ी में अवैध भरनी करके बेचने लगी। इसके बाद वो झोपड़े बनाकर बेचने लगी। इसके साथ ही वो सड़क पर घूमनेवाले अनाथ बच्चों को घर लाकर पालती थी। उन्हें घरों में सेंधमारी, गाड़ी चोरी, चेन स्नेचिंग की ट्रेनिंग देकर उनसे अपराध कराती थी। धीरे-धीरे करीमा का गैंग बन गया। उसने चोरी के सामानों के चलते काफी पैसे कमा लिये हैं। जमीन घेरकर बेचने से लेकर उसका धंधा अब हथियार बेचने का भी है।

स्लम क्वीन से गॉड मदर
जमीन के धंधे में करीमा की कई लोगों से दुश्मनी हो गई। जिसके बाद उसने लोकल लुक्खों को अपने साथ पैसे देकर रख लिया। बाबू पनिकर नाम का लुक्खा उसकी गैंग में सबसे पहले जुड़ा था। धीरे-धीरे उसने सड़क के अनाथ बच्चों को खाना, देखभाल करने के बहाने दत्तक लेना शुरू किया। यहीं से वो स्लम क्वीन से गॉडमदर बन गई। सड़क से लाए गए बच्चों को उसने चोरी के धंधे में धकेल दिया और अब उसकी गैंग है। जब वो घर से कहीं जाती है तो उसके साथ दो गाड़ियों में भरकर पंटर (लुक्खे) भी जाते हैं।

लगता है दरबार

पूर्वी उपनगर में करीमा की इतनी चलती है कि लोग आपसी विवादों को सुलझाने के लिए उसके दरबार में आते हैं। इसमें छोटे बड़े सभी मैटर सुलझाए जाते हैं। अपराध में करीमा इतनी घुसती चली गई कि वो हाल के काल में हथियारों की सप्लाई भी गुडों को करने लगी है। इसका खुलासा अब हुआ है। पिछले सप्ताह मुंबई पुलिस की हफ्ता निरोधी प्रकोष्ठ ने मचमच गिरोह के तीन गुंडों को गिरफ्तार किया था। इसमें विनोद गायकवाड, फजलू रहमान उर्फ मुज्जू और मोहम्मद शाह था। इनके पास से तीन पिस्तौल और जिंदा कारतूस बरामद हुए थे। इनसे पूछताछ में करीमा की गैंग से इनके जुड़े होने की बात सामने आई।

अपराधों के अनुसार गैंग

करीमा ने अपने लुक्खों की टोली को अपराधों के अनुसार बांटकर रखा है। इसमें सेंधमारी, चेन स्नेचिंग, गाड़ी चोर की टोलियां है। करीमा इन लोगों को अपराध के लिए गाड़ियां उपलब्ध कराती थी। ये गिरोह चोरी के माल को लाकर करीमा के पास जमा करते हैं। इसमें से करीमा सबके हिस्से अलग-अलग करके अपना हिस्सा ले लेती थी।

पकड़ना था कठिन

करीमा की गैंग से संबद्ध अपराधी पकड़े जाने पर कभी करीमा का नाम नहीं लेते थे। पुलिस भी करीमा को भूमाफिया के रूप में जानती थी। लेकिन 2014 में सतीश बोंदिया उर्फ बाला को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उस समय सतीश ने पुलिस के सामने करीमा के काले कारनामों की पोल खोल दी।

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