Bihar के गया जिले में 28 फरवरी को किऊल रेलखंड(Kiul Railways) पर एक बड़ा रेल हादसा टल(A major train accident was averted) गया। बंधुआ-पैमार के पास कोयला लदी मालगाड़ी(A freight train loaded with coal) के डिब्बे में आग लग गयी। आग लगने के बाद मालगाड़ी(freight train) करीब चार घंटे तक पटरी पर दौड़ती रही लेकिन इस घटना की जानकारी किसी को नहीं हुई। चार घंटे बीतने के बाद जब लोको पायलट(Loco Pilot) को इसका पता चला तो उसने सूझ-बूझ से काम लिया और बड़ा हादसा होने से बचा(A major accident was avoided) लिया।
दरअसल, बंधुआ स्टेशन से 28 फरवरी को कोयला लदी मालगाड़ी खुली। मालगाड़ी जब पैमार स्टेशन के पास पहुंची तो उसमें आग के लपटें देखी गयीं। बंधुआ स्टेशन से पैमार स्टेशन तक चार घंटे तक मालगाड़ी पटरी पर दौड़ती रही। मालगाड़ी के वैगन में आग फैल गयी। जब इस बात की जानकारी लोको पायलट को हुई तब उसने सबसे पहले ट्रेन को रोका और बिजली के कनेक्शन को हटा दिया। फिर फायर बिग्रेड को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची फायर बिग्रेड की टीम ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
बंधुआ स्टेशन पर लगी आग
पैमार रेलवे स्टेशन के प्रबंधक ने बताया कि 28 फरवरी के भोर चार बजे कोयला लदी मालगाड़ी धनबाद से पहुंची थी, जिसे बाढ़-बरौनी पावर थर्मल प्लांट ले जाना था, लेकिन बंधुआ स्टेशन से खुलने के बाद मालगाड़ी के डिब्बे में आग लग गयी। चार घंटे तक आग लगी मालगाड़ी पटरी पर दौड़ती रही लेकिन इस बात की जानकारी किसी को नहीं थी। पैमार स्टेशन पर पहुंचने के बाद फायर बिग्रेड ने आग पर काबू पाया।
रास्ते में मिल गई थी सूचना
मालगाड़ी के चालक ने बताया कि उसे रास्ते में ही यह सूचना मिल गई थी कि वैगन से धुआं उठ रहा है, जिस पैमार रेलवे स्टेशन पर उसने गाड़ी रोक दी। आग लगने की अभी कोई ठोस वजह सामने नहीं आ सकी है। संभावना जताई जा रही है कि कोयला गर्म होने की वजह से आग लगी है। इससे नीचे के हिस्से में चारों ओर आग लग गई, जिससे धुआं उठने लगा। फिलहाल, लूप लाइन पर मालगाड़ी होने के कारण अन्य सवारी गाड़ियों का संचालन प्रभावित नहीं हुआ है।