गोरखपुर जिला प्रशासन और पुलिस ने फर्जी पैरामेडिकल कालेज चलाने वाले पति-पत्नी डाॅ. अभिषेक यादव और उनकी पत्नी डॉ. मनीषा यादव की संपत्ति को कुर्क कर दिया है। कुर्क हुई संपत्ति की कीमत 103 करोड़ 5 लाख 422 रुपये की बताई जा रही है। पिछले एक हफ्ते से चल रही कुर्की की कर्रवाई 9 नवंबर को खत्म हुई।
पिपराइच के तुर्रा बाजार स्थित राज नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ. अभिषेक यादव पर संयुक्त सचिव अनिल कुमार सिंह ने 8 जनवरी 2022 को कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। कुर्क की गई सम्पत्ति में आरोपी की चिह्नित भूमि, भवन, नर्सिंग कॉलेज, नर्सिंग होम, आठ वाहनों के साथ अलग-अलग बैंकों के 15 से अधिक खाते भी सील हुए हैं।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि बिना मान्यता के नर्सिंग कॉलेज में विद्यार्थियों का प्रवेश लेकर जालसाजी करने के आरोपी डॉ. अभिषेक, उसकी पत्नी समेत पांच जेल में हैं। इन पर कूटरचित दस्तावेज के सहारे शासन से मान्यता मिलने की जानकारी देने के आरोप हैं। इन्हीं कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नर्सिंग कॉलेज में छात्र-छात्राओं का प्रवेश लिया गया था। छात्रों और मेडिकल कॉलेज प्रशासन के बीच जब मामला उलझा, तब यह प्रकाश में आया था। इसकी शुरुआती जाँच पड़ताल के बाद पुलिस ने इनके खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज किया था।
जांच में हुआ ये खुलासा
जांच में पता चला कि दुर्गाबाड़ी निवासी डॉ. अभिषेक यादव, पत्नी डॉ. मनीषा यादव, शाहपुर के बशारतपुर में रहने वाली बहन डॉ. पूनम यादव के आलावा इनके साथी शक्तिनगर निवासी डॉ. सी प्रसाद उर्फ चौथी, बस्ती जिले के लालगंज खोरिया निवासी शोभितानंद यादव, गुलरिहा थानाक्षेत्र के करमहा निवासी श्यामनरायण मौर्य और मोगलहा निवासी विशाल त्रिपाठी वर्ष 2015 में एक गिरोह बनाकर इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं। मामले की गंभीरता और जाँच में सामने आये तथ्यों के आधार पर गोरखपुर एसएसपी के आदेश पर कोतवाली थाना पुलिस ने 16 सितंबर को आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर ऐक्ट का मुकदमा दर्ज कराया था। अब इसकी विवेचना तिवारीपुर थाना पुलिस कर रही है।