चार दिन पहले यानी 7 जुलाई को जिस वन्दे भारत ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झंडी दिखाकर रवाना किया था, 11 जुलाई को वही ट्रेन पत्थरबाजों का निशाना बन गयी। दोनों तरफ से हुई पत्थरबाजी में ट्रेन के कोच संख्या सी-1, सी-3 और एग्जीक्यूटिव कोच की चार खिड़कियों के शीशे चटक गए हैं। हालांकि, ट्रेन मैनेजर ऋतेश सिंह का कहना है कि केवल चार शीशे ही चटके हैं। किसी यात्री को चोट नहीं आई है।
दरअसल, अपनी शेड्यूल के मुताबिक गोरखपुर से लखनऊ जा रही वंदे भारत ट्रेन (22549) अपने निर्धारित समय सुबह 06:05 बजे गोरखपुर के प्लेटफॉर्म संख्या 02 से रवाना हुई। ट्रेन अयोध्या तक ठीकठाक पहुंची, लेकिन जब यह अयोध्या से आगे बढ़ी और सोहावल और देवराकोट के बीच पहुंची, तब दोनों ओर से ट्रेन पर पत्थरबाजी शुरु हो गयी। उस समय लगभग 08:40 बजे होंगे।
यात्रियों में अफरा-तफरी
कयास लगाया जा रहा है कि पत्थरबाजी की घटना 08:40 से 08:45 बजे के बीच हुई। पत्थरबाजों ने मध्य कोचों के दोनों ओर से पत्थर चलाये। इससे यात्री घबरा गए और बोगियों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। यात्रियों को परेशान देख ट्रेन के साथ चल रहे रेलवे स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें संभाला और धैर्य से काम लेने का आग्रह किया। फिलहाल, ट्रेन रुकी नहीं और अपनी रफ्तार से आगे बढ़ती चली गयी। इसके बाद रेलवे सुरक्षा बल की टीम ने घटना की जानकारी कन्ट्रोल रूम को दी। बताया जा रहा है कि ट्रेन के लखनऊ पहुंचने के बाद मामले की जांच कराई जाएगी।
9 जुलाई से प्रतिदिन चल रही है वंदे भारत
वंदे भारत ट्रेन 9 जुलाई से प्रतिदिन गोरखपुर से लखनऊ के बीच चल रही है। सात जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 01 से पूर्वोत्तर रेलवे की पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।