केन्द्र सरकार ने निजी एजेंसियों (चरण- III) के माध्यम से एफएम रेडियो प्रसारण सेवाओं के विस्तार पर नीति दिशा-निर्देशों में उल्लिखित कुछ प्रावधानों के संशोधनों को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की पिछली बैठक में यह निर्णय लिया गया था।
केन्द्र सरकार ने 15 वर्ष की लाइसेंस अवधि के दौरान एक ही प्रबंधन समूह के तहत एफएम रेडियो अनुमतियों के पुनर्गठन के लिए 3 साल की विंडो अवधि को समाप्त करने का निर्णय लिया है। सरकार ने चैनल होल्डिंग पर 15 प्रतिशत राष्ट्रीय सीमा को हटाने के लिए रेडियो उद्योग की लंबित मांग को भी स्वीकार कर लिया है। इसके अलावा एफएम रेडियो नीति में वित्तीय पात्रता मानदंडों को सरल बनाया गया है। ऐसी आवेदक कंपनी अब ‘सी’ और ‘डी’ श्रेणी के शहरों के लिए बोली लगाने में शामिल हो सकती है, जिनकी अभी कुल संपत्ति 1 करोड़ रुपये है जो पहले 1.5 करोड़ रुपये होनी चाहिए थी।
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ये तीन संशोधन मिलकर निजी एफएम रेडियो उद्योग को अर्थव्यवस्थाओं के पैमाने का पूरी तरह से लाभ उठाने में मदद करेंगे और देश के टियर-III शहरों में एफएम रेडियो और मनोरंजन के अधिक विस्तार का मार्ग प्रशस्त करेंगे। इससे न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि एफटीए (फ्री टू एयर) रेडियो मीडिया पर संगीत और मनोरंजन देश के दूरदराज के कोनों में भी आम आदमी के लिए उपलब्ध हो।
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