गुजरात दंगों के प्रकरण में एसआईटी द्वारा क्लीन चिट दिये जाने को चुनौती देनेवाली जकिया जाफरी की याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। इसके साथ ही न्यायालय ने दंगों के प्रकरण में सह-याचिकाकर्ता तीस्ता सेतलवाड की जांच करने की आवश्यकता व्यक्त की थी। इसके बाद गुजरात एटीएस ने शिकंजा तीस्ता सेतलवाड पर शिकंजा कस दिया है। गुजरात एटीएस की टीम ने तीस्ता को अपने कब्जे में ले लिया है।
गोधरा ट्रेन नरसंहार की परिणति में हुए दंगों में ही गुलबर्ग सोसायटी में भी हिंसा हुई थी। इसमें कांग्रेस के सांसद एहसान जाफरी की मौत हो गई थी। इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है, स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने प्रकरण में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 64 आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी। जिसे एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने चुनौती दी थी।
क्या हुआ सर्वोच्च न्यायालय में
इस प्रकरण में एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देनेवाली जकिया जाफरी की याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। लेकिन इसके साथ ही न्यायालय ने इस याचिका में सहयाचिकाकर्ता तीस्ता सेलतवाड को लेकर जांच की आवश्यकता जताई।
इस प्रकरण की सह-याचिकाकर्ता तीस्ता सेतलवाड के कार्यकलापों की जांच करने की आवश्यकता है। क्योंकि वह इस प्रकरण में जकिया जाफरी की भावनाओं का उपयोग अपने षड्यंत्रकारी उद्देश्य और निजी लाभ के लिए कर रही हैं।
सर्वोच्च न्यायालय
इस आदेश के आने के बाद ही गुजरात पुलिस की एटीएस ने तीस्ता पर शिकंजा कस दिया है। एटीएस तीस्ता सेतलवाड को जांच के लिए अपने साथ ले जाने के लिए मुंबई आई थी।
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