गुजरात के पुलिसकर्मियों के लिए राज्य सरकार ने सोशल मीडिया को लेकर एक गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें पुलिसकर्मियों को वर्दी पहन कर रील्स या वीडियो बनाने पर रोक लगा दी गई है। साथ ही पुलिस अधिकारी या किसी कर्मचारी को सरकार को लेकर कोई बयान न देने का भी आदेश दिया गया है। सभी पुलिसकर्मियों को इस नियम का पालन करना जरूरी होगा।
राज्य सरकार की नई गाइडलाइन
गुजरात सरकार ने 4 जून को पुलिस अधिकारी और कर्मचारी के लिए सोशल मीडिया उपयोग को लेकर एक पॉलिसी घोषित की है। इसमें पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों के संबंध में कई बातें उल्लेखित की गई है। प्रमुख रूप से उनके सोशल मीडिया के उपयोग के संबंध में गाइडलाइन जारी की गई है। इसमें उनके वर्दी में रहते किसी तरह का रील्स या वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करने पर रोक लगाई गई है। साथ ही सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर पुलिस अधिकारी या कर्मचारी को सरकार के विरुद्ध टीका-टिप्पणी करने से भी रोक दिया गया है। इसके बाद अब पुलिसकर्मियों को सोशल मीडिया का उपयोग संभलकर करना होगा।
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पहले भी जारी की गई थी आचार संहिता
इससे पूर्व भी पूर्व डीजीपी शिवानंद झा ने 20 जुलाई, 2020 को एक परिपत्र जारी कर पुलिसकर्मियों के सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर आचार संहिता जारी की थी। तब ग्रेड पे बढ़ाने के लिए उकसाने के काम को पुलिस विभाग ने संज्ञान लिया था। इसके बाद ही यह आचार संहिता लागू की गई थी। नए परिप्रेक्ष्य में पुलिसकर्मियों के लिए समय के साथ इसमें बदलाव करते हुए नई नीति बनाई गई है।