गुजरात में जहरीली शराब पीने से अब तक 25 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 45 लोग अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें से कई लोगों की हालत गंभीर है। इस कारण मौत का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। इस बीच पुलिस ने दावा किया है कि पीड़ितों को शराब नहीं, बल्कि केमिकल के पाउच बनाकर पिला दिया गया।
पुलिस का दावा है कि पीड़तों को शराब नहीं, पाउच में भरकर केमिकल पिला दिया गया। पुलिस ने मामले में जानकारी देते हुए कहा कि ये एक षड्यंत्र है, जिसे तीन स्तर पर रचा गया।
पुलिस का दावा
पुलिस के अनुसार ईमोस कंपनी मिथाइल व्यापार से जुड़ी है। इसमें कंपनी के गोदाम के मैनेजर जयेश उर्फ राजू की संदिग्ध भूमिका रही है। उसे पुलिस ने अहमदाबाद से गिरफ्तार किया है। राजू ने केमिकल को गोदाम से निकाला था।
पुलिस का कहना है कि राजू ने अपने संबंधी संजय को 60 हजार रुपए में 200 लीटर मिथाइल बेचा था। इसके बाद संजय, पिंटू और अन्य लोगों ने इस केमिकल से शराब न बनाकर सीधा पाउच में भरकर लोगों को दे दिए। इसे पीने से लोगों की मौत हो गई।
'शराबबंदी' वाले भाजपा सरकार के गुजरात में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हुई।
भाजपा है तो मुमकिन है?— Surendra Rajput (@ssrajputINC) July 26, 2022
हिरासत में लेकर पूछताछ
एफएसएल की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। मामले में 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर अधिक जानकारी प्राप्त कर रही है।
जांच के लिए एसआईटी का गठन
सरकार ने जांच के लिए डीएसपी की अध्यक्षता में एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया है। मृतकों में रोजिंद के 5, चदरवा के 2, देवगना के 2, अनियाली के 2, आकरू के 3, उचड़ी के 2 और अन्य गांव के 2 लोग शामिल हैं। बताया गया है कि इन सभी ने चोकड़ी गांव में देशी शराब पी थी। इसके बाद इनके तबीयत बिगड़ी और एक के बाद एक हुई मौतों से कोहराम मच गया। बताया गया है कि क्षेत्र के लोगों ने कुछ दिन पहले शराबबंदी के लिए पंचायत को पत्र भी लिखा था। बोटाद के एसपी और डीएसपी ने गांव पहुंचकर जायजा लिया है।