कांग्रेस के अहमद पटेल से लिए पैसे, तीस्ता ने ऐसे रची थी मोदी को सेटल करने की प्लानिंग

गुजरात दंगों के आरोपों ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लंबे समय तक बदनाम किया है। इसके लिए विपक्ष ने नरेंद्र मोदी को विभिन्न उपहासात्मक उपनामों से प्रचारित किया।

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गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री को सेटल करने के लिए तीस्ता सीतलवाड को बड़ी कीमत मिली थी। धन देने के साथ-साथ कांग्रेस ने वर्ष 2006 में पद्म श्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया। यह खुलासा गुजरात दंगों में तीस्ता सीतलवाड की भूमिका की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने किया है।

विशेष जांच दल (एसआईटी) ने तीस्ता सीतलवाड की जमानत याचिका का विरोध किया है। उसने न्यायालय के समक्ष प्रस्तुति में कहा है कि, गिरफ्तार तीस्ता सीतलवाड ने कांग्रेस नेता अमहद पटेल से तीस लाख रुपए लिये थे। समाचार रिपोर्ट के अनुसार इस पूरे षड्यंत्र में तीस्ता के सहायक थे पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट और गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक आर.बी श्रीकुमार।

धन और शोहरत से सम्मान
एसआईटी ने न्यायालय में एक गवाह प्रस्तुत किया था। कहा गया है कि, उसी ने तीस्ता सीतलवाड को 5 लाख रुपए दिये थे। इसके दो दिन बाद अहमदाबाद के शाहीबाग सर्किट हाउस में तीस्ता सीतलवाड की भेंट अहमद पटेल से हुई, जिसमें 25 लाख रुपए तीस्ता ने लिये। इस संबंध में एक प्रतिज्ञापत्र भी न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है।

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कांग्रेस का हाथ तीस्ता के साथ?
एसआईटी के अनुसार पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट के साथ तीस्ता सीलतवाड कांग्रेस नेता और सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल से दिल्ली स्थित पटेल के निवास पर मिली थीं। यह भेंट गुजरात दंगों के चार महीने बाद हुई थी। ऐसा आरोप है कि, तीस्ता को धन के साथ वर्ष 2007 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। परंतु, तीस्ता का लक्ष्य राज्यसभा सदस्यता थी। तीस्ता सीतलवाड, संजीव भट्ट और आर.बी श्रीकुमार का प्रयत्न था कि, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को दंगों के प्रकरण में फंसाया जाए और राज्य सरकार गिरा दी जाए। आरोपों के अनुसार वर्ष 2006 में तीस्ता सीतलवाड ने दावा किया था कि, राज्य सरकार तीन दिनों में गिर जाएगी।

क्या खंगाल रही है एसआईटी
विशेष जांच दल इस पूरे प्रकरण में झूठे साक्ष्य जुटाने और दंगा पीड़ितों के लिए एकत्रित धन का गबन जैसे आरोपों की जांच कर रहा है। इस प्रकरण में गुलबर्ग सोसायटी के निवासी फिरोजखान पठान ने तीस्ता सीतलवाड और उनकी संस्था सिटिजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस के विरुद्ध प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

इस प्राथमिक रिपोर्ट (एफआईआर) में फिरोजखान पठान ने आरोप लगाया था कि, तीस्ता सीतलवाड के सबरंग ट्रस्ट ने 63 लाख और 88 लाख रुपए गुलबर्ग सोसायटी के दंगा पीड़ितों के पुनर्वसन और म्यूजियम के लिए इकट्ठा किये थे, जिसका उसने अपने निजी धन के रूप उपयोग कर लिया।

तीस्ता की इसलिए हुई गिरफ्तारी
तीस्ता सीतलवाड को गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड ने 26 जून को जुहू, मुंबई के घर से गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह आदेश देने के बाद की गई थी, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 64 लोगों को गुजरात दंगों के प्रकरण में क्लीन चिट देते हुए तीस्ता सीतलवाड की भूमिका की जांच की आवश्यकता व्यक्त की थी।

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