Gurugram की एक महिला को मुंबई पुलिस का फर्जी अधिकारी बन साईबर ठग ने 20 लाख रुपये की चपत लगा दी। उसे एक गैर कानूनी पार्सल को क्लीयरेंस देने की बात कहकर फर्जी बैंक खाते में यह रकम ट्रांसफर करवा दी। सहायक पुलिस आयुक्त साईबर प्रियांशु दीवान ने 4 अप्रैल को बताया कि आरोपी राजस्थान के रहने वाले हैं।
इस तरह लगाया चूना
पुलिस के अनुसार 23 मार्च 2024 को थाना साईबर अपराध मानेसर में एक महिला ने शिकायत देकर कहा था कि 22 मार्च को उसके पास किसी अनजान व्यक्ति ने फेडेक्स पार्सल के नाम से कॉल की। उसने मुंबई पुलिस के किसी अधिकारी का नाम लेकर उस अधिकारी से बात करवाई। हालांकि वह अधिकारी फर्जी था। उसने पीडि़त महिला से कहा कि उसका पार्सल गैर-कानूनी गतिविधि से संबंधित है। इसे पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट देने के लिए 20 लाख रुपये देने होंगे। महिला ने 20 लाख रुपये उनके द्वारा दिए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए। इस तरह से महिला के साथ साइबर ठगी हो गई। इस मामले में पुलिस ने थाना साईबर अपराध मानेसर के प्रबंधक निरीक्षक सुनील कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने दो आरोपियों को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान आशुतोष उर्फ रोहित निवासी बिश्नोईयों की ढाणी मनाना जिला नागौर (राजस्थान) व मोहित निवासी श्याम कॉलोनी परबतसर जिला नागौर (राजस्थान) के रूप में हुई।
आशुतोष के खाते में ट्रांसफर की गई थी राशि
आरोपियों से पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि पीड़ित महिला से ठगी गई राशि आरोपी आशुतोष के बैंक खाता में ट्रांसफर की गई थी। यह बैंक खाता आरोपी ने फर्जी आधार कार्ड पर खुलवाया था। आरोपी आशुतोष फर्जी तरीके से बैंक खाते खुलवाकर अपने एक अन्य साथी आरोपी मोहित (पहले गिरफ्तार हो चुका है) को दे देता था। मोहित साईबर ठगी के लिए उन खातों को आगे बेच देता था। आशुतोष मोहित से अपना कमीशन ले लेता था। पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड तैयार करने के एक आरोपी महाबीर को पनेर, जिला अजमेर राजस्थान से काबू किया है।
पुलिस ने ब्लॉक कराए 20 लाख रुपए
पुलिस ने आरोपियों के कब्जा से अब तक कुल 38 एटीएम कार्ड, 30 चेक बुक व पासबुक, 10 मोबाईल फोन, 10 सिम कार्ड, एक पासपोर्ट, एक फर्जी आधार कार्ड व पेन कार्ड बरामद किया है। साईबर ठगी के इस केस में पुलिस ने पीडि़ता के 20 लाख रुपये ब्लॉक करवा दिए थे, जिन्हें जल्द ही रिफंड करा दिया जाएगा।