Gurupoornima Mahotsav: व्यक्तिगत जीवन में साधना करने से अंतरात्मा में रामराज्य की स्थापना होगी; परंतु सामाजिक और राष्ट्रीय जीवन में रामराज्य की स्थापना के लिए हमें अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाने के साथ-साथ भ्रष्टाचार, अनैतिकता और अराजकता के विरुद्ध लड़ना होगा।
हमारे विचार और व्यवहार हिंदू संस्कृति के अनुकूल होने चाहिए। ‘हैलो’ नहीं, बल्कि नमस्कार या ‘राम-राम’ कहना, यह हमारी संस्कृति है; ‘टीवी’ पर धारावाहिक देखना नहीं, बल्कि ‘कीर्तन-भजन’ देखना, यह हमारी संस्कृति है; कोई अभिनेता नहीं, बल्कि राम-कृष्ण हमारे संस्कृति द्वारा दिए गए आदर्श हैं।
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हिंदू जनजागृति समिति के मुंबई
हमारे आचरण और व्यवहार में हम संस्कृति की रक्षा करें, धर्म का पालन करें, ऐसा आवाहन हिंदू जनजागृति समिति के मुंबई और पालघर जिला समन्वयक श्री. बळवंत पाठक ने किया। वसई (प.) के विश्वकर्मा सभागृह में हुए गुरुपूर्णिमा महोत्सवमें वे बोल रहे थे I हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा वसई तथा मुंबईमें भांडुप के साथ ही देशभर में 71 स्थानों पर ‘गुरु पूर्णिमा महोत्सव’ भावपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। इस बार अन्य वक्ताओं का मार्गदर्शन हुआ।
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भक्तों ने ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ का लाभ
भांडुपके गुरुपूर्णिमा महोत्सवमें उपस्थितोंको मार्गदर्शन करते समय उच्च और सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता डॉ. निलेश पावस्कर ने कहा, ‘जीवनमें जब तक गुरु नही आते तब तक जीवनको योग्य दिशा नही मिलती I हिन्दू धर्म में बताए मार्ग से आचरण करना यह अपना कर्तव्य है I मोक्षप्राप्तीके लिए ईश्वरसे मिलन करने का कार्य केवल गुरूही करते है, इसीलिए गुरूकी जीवनमें आवश्यकता है I गुरू की तुलना और किसी से नही हो सकती I’ महोत्सव की शुरुआत श्री व्यासपूजा और प.पू. भक्तराज महाराज की प्रतिमा पूजा से हुई। देश-विदेश के भक्तों को गुरुपूर्णिमा का लाभ मिल सके इसके लिए हिंदू जनजागृति समिति द्वारा कन्नड़ और बंगाली भाषाओं में ऑनलाइन गुरुपूर्णिमा महोत्सव भी संपन्न हुए। इस माध्यम से देश-विदेश के भक्तों ने ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ का लाभ लिया।
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