ज्ञानवापी प्रकरण में आदेश की तारीख टल गई है। इस प्रकरण में अब अगली तारीख 14 नवंबर को तय है। यह प्रकरण ज्ञानवापी में दिखे शिवलिंग की पूजा का है। जिसे मुस्लिम पक्ष फौव्वारा बता रहा है।
शिवलिंग की पूजा का प्रकरण फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है। जिसकी सुनवाई सीनियर डिवीजन जज महेंद्र पाण्डेय कर रहे हैं। इस प्रकरण में अनुपम द्विवेदी ने हिंदू पक्ष को प्रस्तुत किया था।
ये है प्रकरण
24 मई को विश्व वैदिक सनातन संघ के महासचिव किरण सिंह ने वाराणसी जिला न्यायालय में प्रकरण दर्ज किया था। जिसमें ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों के प्रवेश पर बंदी और परिसर को विश्व वैदिक सनातन संघ को सौंपने की मांग की गई, जिससे शिवलिंग की पूजा की जा सके। इस प्रकरण पर सुनवाई करते हुए 25 मई को जिला न्यायालय जज ए.के विश्वेश ने प्रकरण फास्ट ट्रैक कोर्ट को सौंपने का आदेश दिया। प्रकरण में वाराणसी जिला न्ययालय, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतेजामिया कमिटी पक्ष बनाए गए हैं।
शिवलिंग का ऐसे लगा पता
26 अप्रैल को कनिष्ठ न्यायालय में सुनवाई चल रही थी, जिसमें पांच महिला याचिकाकर्ताओं ने ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा का आदेश मांगा था। जिसमें आदेश देते हुए न्यायालय ने ज्ञानवापी परिसर की वीडियोग्राफी करने का आदेश दिया। इस आदेश को मुस्लिम पक्ष ने उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी, लेकिन वीडियोग्राफी के आदेश पर स्थगन नहीं मिला।
जब ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी की गई तो वहां शिवलिंग दिखा। जिसे मुस्लिम पक्ष वजूखाने का फौव्वारा बता रहा था। परंतु, उसकी आकृति शिवलिंग की है और उससे कालांतर में छेड़छाड़ किया गया होगा ऐसा दिखा। हिंदू पक्ष ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग की थी। जिसे न्यायालय ने ठुकरा दिया।
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