हिंदू नेता साध्वी प्राची ने 22 मई को कहा कि देश में अनेक ऐसे हिंदू धार्मिक स्थल हैं, जिन पर मुगलों ने कब्जा किया। अगर उनकी जांच होगी तो उनमें मंदिर होने के पुख्ता प्रमाण मिल जाएंगे। ज्ञानवापी की जांच में जितने भी साक्ष्य मिले हैं, वह मंदिर होने के प्रमाण हैं। बिना किसी विवाद के ज्ञानवापी को छोड़कर हिंदू पक्ष को दे देना चाहिए। वाराणसी में ज्ञानवापी हमारी थी और हमारी ही रहेगी।
साध्वी प्राची हरिद्वार से टनकपुर जाते समय कुछ देर मुरादाबाद रुकीं। उन्होंने कहा कि जिस तरह अयोध्या में राम मंदिर का भव्य निर्माण हो रहा है, उसी तरह कोर्ट से न्याय मिलने के बाद काशी में भी विवादित स्थान पर मंदिर बनेगा।
साध्वी ने कहा कि कुछ लोग मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। ज्ञानवापी में फव्वारा नहीं, शिवलिंग हैं। न्यायालय से इसमें न्याय मिलेगा। जब मुस्लिम पक्ष को मालूम था कि वजू के स्थान पर शिवलिंग है तो उस स्थान पर गंदा पानी आखिर क्यों डाला जाता है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी बाबा काशी विश्वनाथ का ही है और हमेशा रहेगा और यहां पर विशाल मंदिर बनेगा।
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