Hathras stampede: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) 3 जुलाई (बुधवार) को हाथरस का दौरा करेंगे। धार्मिक समागम के दौरान मची भगदड़ में कम से कम 116 लोगों की मौत (116 people died) हो गई है। जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री के सुबह 11 बजे हाथरस पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने घटना की गहन जांच के आदेश भी दिए हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह “दुर्घटना थी या साजिश।” (accident or conspiracy)
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हाथरस की घटना के पीछे की सच्चाई को उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने मीडिया से कहा, “ऐसी घटना पर संवेदना व्यक्त करने के बजाय राजनीति करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। सरकार इस मामले में पहले से ही संवेदनशील है और सरकार इस मामले की तह तक जाएगी कि यह दुर्घटना है या साजिश, और इस घटना के लिए जिम्मेदार सभी लोगों को उचित सजा दिलाएगी।”
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फोरेंसिक विशेषज्ञ घटनास्थल पर पहुंचे
इस बीच, फोरेंसिक विशेषज्ञ और डॉग स्क्वायड घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। फोरेंसिक टीम जांच में सहायता के लिए घटनास्थल से सभी प्रासंगिक साक्ष्य एकत्र करने के लिए तैयार है। एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीम भी घटनास्थल पर तलाशी और बचाव अभियान चला रही है। घटना के कारणों की जांच के लिए एडीजी आगरा और अलीगढ़ मंडल आयुक्त की एक टीम गठित की गई है। यूपी सरकार ने एक बयान में कहा कि रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर प्रस्तुत की जानी है।
#WATCH | Uttar Pradesh: The Forensic Team arrives at the incident site in Hathras, where a stampede took place yesterday, claiming the lives of 116 people.
The incident happened during a Satsang conducted by ‘Bhole Baba’. pic.twitter.com/Yr1NR6th6p
— ANI (@ANI) July 3, 2024
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हाथरस भगदड़ में 116 लोगों की मौत
उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, सिकंदराराऊ में ‘सत्संग’ के दौरान मची भगदड़ में मरने वाले 116 लोगों में से अधिकांश की पहचान हो गई है। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों और पड़ोसी राज्यों से श्रद्धालु आए थे। अधिकारियों ने बताया कि शेष शवों की पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह हादसा उस समय हुआ जब श्रद्धालु कार्यक्रम समाप्त होने के बाद भोले बाबा की एक झलक पाने की कोशिश कर रहे थे। वे बाबा के चरणों के आसपास की कुछ मिट्टी भी एकत्र करना चाहते थे। जिला मजिस्ट्रेट आशीष कुमार ने कहा कि सत्संग एक निजी समारोह था, जिसके लिए उप-विभागीय मजिस्ट्रेट ने अनुमति दी थी। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने कार्यक्रम स्थल के बाहर सुरक्षा प्रदान की, जबकि अंदर की व्यवस्था आयोजकों द्वारा की गई थी।
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