इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज अंजुमन इंतज़ामिया मस्जिद समिति (ज्ञानवापी मस्जिद की पक्षकार) द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा से संबंधित याचिका पर आधारित है। जिसकी अब नियमित सुनवाई होने का मार्ग साफ हो गया है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय में ज्ञानवापी इंतेजामिया मस्जिद कमिटी ने पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। यह वाराणसी के स्थानीय न्यायालय द्वारा सुनवाई के लिए मान्य की गई उस याचिका पर रोक लगाने से संबंधित था, जिसमें हिंदू पक्ष की ओर से वाराणसी न्यायालय में प्रलंबित श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा करने का आदेश मांगा गया है। इसके लिए नौ हिंदू उपासकों ने याचिका दायर की है। इस प्रकरण में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 23 दिसंबर, 2022 को सुनवाई पूर्ण करके आदेश सुरक्षित रख लिया था। उच्च न्यायालय के इस आदेश के बाद अब स्थानीय न्यायालय हिंदू पक्ष की मांग पर सुनवाई करेगा।
मूल प्रकरण
बता दें कि नई दिल्ली निवासी राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता शाहू, मंजू व्यास व रेखा पाठक समेत नौ वादियों की तरफ से 18 अगस्त 2021 को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में वाद दाखिल किया गया था। वाद में कहा गया है कि भक्तों को मां श्रृंगार गौरी के दैनिक दर्शन-पूजन एवं अन्य अनुष्ठान करने की अनुमति देने के साथ ही परिसर में स्थित भगवान गणेश, हनुमान, नंदी जी एवं अन्य देवताओं के विग्रहों को सुरक्षित रखा जाए। इसके लिए इस्लामी पक्षकार मस्जिद इंतेजामिया कमिटी ने आपत्ति व्यक्त करते हुए हिंदू पक्ष की मांग को खारिज करने के लिए वाद दायर किया था। इसे वाराणसी की स्थानीय न्यायालय ने खारिज कर दिया, तो मस्जिद इंतेजामिया कमिटी ने इलाहाबाद उच्च न्यायलय में पुनरीक्षण याचिका दायर की थी।
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