कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की कंपनियों की जांच कर रही एसआईटी को बैंक से वित्तीय लेनदेन का रिकार्ड नहीं मिला है। बैंक का तर्क है कि बेसमेंट में पानी जमा होने के कारण सारा रिकार्ड नष्ट हो गया है। बैंक के जवाब पर संदेह जताते हुए एसआईटी ने दोबारा पत्र लिखकर कई अहम जानकारियां मांगी हैं।
एसआईटी ने राबर्ट वाड्रा की कंपनी मैसर्स स्काईलाइट हास्पिटेलिटी के खाते में फंड इनफ्लो (वित्तीय लेनदेन) के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए यूनियन बैंक आफ इंडिया गुरुग्राम को पत्र लिखा था। एसआईटी को इस आशय का जवाब मिला कि वर्ष 2008 से 2012 का उक्त सारा रिकार्ड शाखा के बेसमेंट में पानी भर जाने के कारण नष्ट हो गया है। अब एसआइटी ने बैंक को नोटिस जारी कर और जानकारी मांगी है।
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इस संबंध में हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने गुरुवार को चंडीगढ़ में बताया कि एसआइटी ने बैंक से पूछा है कि क्या अन्य फर्मों का रिकार्ड भी नष्ट हो गया और इस घटना के बारे में शाखा द्वारा किन अधिकारियों को सूचित किया गया था। यूनियन बैंक की न्यू फ्रैंडस कालोनी शाखा गुरुग्राम को भी नोटिस भेजा गया है, ताकि उन परिस्थितियों की जांच की जा सके, जिसमें मैसर्स स्काईलाइट हास्पिटेलिटी एंड रियलिटी का संबंधित रिकार्ड उस शाखा के बेसमेंट में पानी भरने के कारण नष्ट हो गया था। बैंक की नई प्रतिक्रिया का अभी इंतजार है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि हरियाणा में मनोहर लाल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने एक सितंबर 2018 को गुरुग्राम के खेडक़ी दौला पुलिस स्टेशन में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा,राबर्ट वाड्रा, डीएलएफ, ओंकारेश्वर प्रापर्टीज और वाड्रा की स्काईलाइट हास्पिटेलिटी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई थी।
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