झारखंड की निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की जमानत याचिका पर ईडी के विशेष न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा की अदालत में 26 जुलाई को सुनवाई हुई। ईडी ने जवाब दायर करने के लिए अदालत से एक सप्ताह का समय मांगा। अदालत ने समय देते हुए अगली सुनवाई की तिथि तीन अगस्त निर्धारित की है। सुनवाई के दौरान पूजा सिंघल के वकील ने कोर्ट में पूजा पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया।
इससे पहले 19 जुलाई की सुनवाई के दौरान ईडी की अदालत ने पूजा सिंघल के पति और पल्स अस्पताल के मालिक अभिषेक झा, सीए सुमन कुमार, जेई राम विनोद सिंह, राजेंद्र जैन, जय किशोर चौधरी और शशि प्रकाश के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर ईडी की विशेष अदालत ने सभी आरोपितों के विरुद्ध समन जारी किया था। कोर्ट ने जिन आरोपितों के विरुद्ध समन जारी किया है उन्हें तीन अगस्त तक कोर्ट के समक्ष उपस्थित होना है।
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प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व में अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है। आरोपपत्र में बताया गया है कि चतरा, खूंटी और पलामू डीसी रहते हुए पूजा के खाते में सैलरी से 1.43 करोड अधिक थे। ईडी ने इन तीनों जिलों में उनके डीसी के कार्यकाल के दौरान के अलग-अलग बैंक खातों और दूसरे निवेश की जानकारी जुटाई। खूंटी में मनरेगा का घोटाला फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच हुआ। उस समय पूजा सिंघल वहां की डीसी थी।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने छह मई को तत्कालीन खान सचिव पूजा सिंघल के सरकारी और निजी आवास उनके पति अभिषेक झा और उनके सीए सुमन सिंह समेत 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीए सुमन सिंह के आवास से ईडी ने 19.31 करोड़ रुपये नगद बरामद किये थे। 11 मई को ईडी ने पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया था और 25 मई से वह जेल में हैं।
पूजा सिंघल की ओर से अधिवक्ता विश्वजीत मुखर्जी के माध्यम से जमानत याचिका दायर किया गया है।
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