सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच 19 जुलाई (मंगलवार) भाजपा से निलंबित की जा चुकीं पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की नई याचिका पर सुनवाई करेगी। इसमें पैगम्बर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी पर दर्ज सभी एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की गई है।
नूपुर शर्मा ने कहा है कि इससे पहले उनकी मांग को ठुकराते हुए सर्वोच्च न्यायालय कड़ी टिप्पणी कर चुका है। अब उनके जीवन को और अधिक खतरा बढ़ गया है। दुष्कर्म और हत्या की धमकी मिल रही है। उल्लेखनीय है कि 01 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि नूपुर को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। वह उच्च न्यायालय जाएं।
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नूपुर शर्मा को क्यों नहीं किया गिरफ्तार
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि नूपुर के बयान से देश उबल गया है। नूपुर को खतरा है या उनके बयान से देश खतरे में पड़ गया है। नूपुर ने जिसके खिलाफ टिप्पणी की उसे गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन नूपुर के खिलाफ अब तक कुछ नहीं हुआ। आपने देर से माफी मांगी। आपने माफी मांगने में काफी देर कर दी। तब नूपुर शर्मा की ओर से कहा गया था कि उनकी टिप्पणी एक्शन का रिएक्शन था। उनका किसी के अपमान का इरादा नहीं था। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि सत्ता की ताकत दिमाग पर हावी नहीं होनी चाहिए। नूपुर शर्मा को क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया। शायद दिल्ली पुलिस ने रेड कॉरपेट बिछा रखा है।