Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच जम्मू कश्मीर(Jammu and Kashmir) के अलगाववादी नेता यासिन मलिक(Separatist leader Yasin Malik) के खिलाफ ट्रायल(trial) को जम्मू के बजाय तिहाड़ जेल(Tihar Jail) में मौजूद कोर्ट में ट्रांसफर करने की सीबीआई(CBI) की मांग पर 4 अप्रैल को सुनवाई करेगी। 7 फरवरी को सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर सुनवाई टालने की मांग करते हुए कहा गया कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता(Solicitor General Tushar Mehta) उपलब्ध नहीं है। कोर्ट ने यासिन मलिक को वीडियो कांफ्रेंसिंग(Video conferencing) के जरिये कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया।
सीबीआई ने की है तिहाड़ जेल में मौजूद कोर्ट में सुनवाई ट्रांसफर करने की मांग
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासिन मलिक के खिलाफ ट्रायल को जम्मू की बजाय तिहाड़ जेल में मौजूद कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है। सीबीआई का कहना है कि तिहाड़ जेल में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की पूरी सुविधा उपलब्ध है। तिहाड़ में लगने वाले कोर्ट में पहले भी कई मामले की सुनवाई होती रही है। यासिन मलिक जम्मू कश्मीर में इंडियन एयर फोर्स के चार जवानों की हत्या और रुबिया सईद के अपहरण के मामले में वहां की निचली अदालत में मुकदमे का सामना कर रहा है। जम्मू कश्मीर में टाडा कोर्ट ने मलिक को व्यक्तिगत पेशी के लिए समन जारी किया था। यासिन मलिक भी जम्मू-कश्मीर में निचली अदालत में पेश होकर अपनी पैरवी करना चाहता है।
निचली अदालत के आदेश को चुनौती
सीबीआई ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है। सीबीआई का कहना है कि यासिन मलिक कोई आम आतंकवादी नहीं है। वो लगातार पाकिस्तान जाता रहा है। हाफिज सईद के साथ उसने मंच साझा किया है। उसके जम्मू-कश्मीर जाने से वहां का माहौल बिगड़ सकता है। गवाहों को सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो सकता है।