इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) वाराणसी (Varanasi) स्थित ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Complex) में शिवलिंग छोड़ कर वजूखाने के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) से सर्वेक्षण की मांग में दाखिल याचिका (Petition) पर अब 5 मई को सुनवाई करेगा। उपासना स्थल कानून को लेकर दाखिल याचिका की सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई टलने के कारण हाईकोर्ट ने भी सुनवाई टाल दी है। सर्वोच्च न्यायालय में अप्रैल के प्रथम सप्ताह में सुनवाई होनी थी, जो नहीं हो सकी।
हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने हाईकोर्ट को सूचित किया कि उपासना स्थल कानून की वैधता को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई नहीं हो सकी है। मूल याचिका से संबद्ध याचिका में 21 अप्रैल को सुनवाई सम्भावित है। जिसके बाद न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ ने 5 मई को सुनवाई की तारीख निर्धारित कर दिया।
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अंतिम आदेश पारित करने पर रोक
श्रृंगार गौरी केस की पक्षकार राखी सिंह द्वारा दायर सिविल पुनरीक्षण याचिका के साथ संबद्ध 1991 के स्वंभू लार्ड आदिविशेश्वर वाद में अतिरिक्त वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग वाली याचिका में हाईकोर्ट ने विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी एवं सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड को जबाब देने का आदेश दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश से अदालतों को सर्वेक्षण के आदेश सहित कोई भी प्रभावी अंतरिम या अंतिम आदेश पारित करने से रोक दिया है।
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