झारखंड (Jharkhand) के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) से झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने हेमंत सोरेन की याचिका (Petition) पर सुनवाई (Hearing) से इनकार कर दिया है। हेमंत सोरेन की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने पहला सवाल पूछा कि आप पहले हाई कोर्ट क्यों नहीं गए? आपको बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में अपनी गिरफ्तारी (Arrest) के खिलाफ हेमंत सोरेन ने न्यायालय में याचिका दायर की थी।
सर्वोच्च न्यायालय ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कोई राहत नहीं दी। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने हेमंत सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से कहा कि आप सर्वोच्च न्यायालय क्यों आ गए, आप हाई कोर्ट क्यों नहीं गए?
यह भी पढ़ें- Pakistan: बम और ग्रेनेड हमलों से थर्राया पाकिस्तान का बलूचिस्तान, पाकिस्तानी प्रशासन पर हावी हैं आतंकी!
सर्वोच्च न्यायालय सबके लिए बराबर है
इस पर सिब्बल ने कहा कि ये मामला एक मुख्यमंत्री का है, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है। आप साक्ष्य देखें। तब जस्टिस खन्ना ने कहा कि सबसे पहली बात की कोर्ट सबके लिए खुला है और दूसरी बात कि हाई कोर्ट भी संवैधानिक बेंच है। अगर इस तरह हम सुनवाई करेंगे तो हर कोई सीधे सर्वोच्च न्यायालय आ जाएगा। जस्टिस खन्ना ने सर्वोच्च न्यायालय के पहले के आदेश के बारे में भी बताया जब ईडी के समन के खिलाफ सुनवाई करने से इनकार कर दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने 31 जनवरी को हेमंत सोरेन से पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। सोरेन को भूमि घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया है।
क्या है हेमंत सोरेन पर आरोप?
प्रवर्तन निदेशालय ने हेमंत सोरेन के खिलाफ अपनी कार्रवाई के समर्थन में कई दावे किये हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि रांची में करीब 8.5 एकड़ जमीन के 12 भूखंडों पर हेमंत सोरेन का अवैध कब्जा और इस्तेमाल है। यह एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत अपराध की आय है। इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। हेमंत सोरेन गलत तरीके से पैसा कमाया है।
देखें यह वीडियो-
Join Our WhatsApp Community