Allahabad High Court: जस्टिस यशवंत वर्मा के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करेगी हाईकोर्ट बार, कार्यकारिणी की बैठक में हुआ निर्णय

बहिष्कार के कारण हाईकोर्ट का कामकाज लगातार चौथे दिन बुरी तरह प्रभावित हुआ। सुबह चीफ जस्टिस की बेंच समेत अन्य न्यायाधीश न्याय कक्षों में बैठे लेकिन वकीलों के कार्य बहिष्कार के कारण सभी जज कुछ देर बाद कोर्ट से उठकर अपने चैंबरों में चले गए।

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हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (High Court Bar Association) दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) के इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में शपथ ग्रहण (Oath Taking) का बहिष्कार (Boycott) करेगा। वकील उनके शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होंगे। बार के अध्यक्ष अनिल तिवारी (Anil Tiwari) ने कहा कि वादकारियों के हित के मद्देनजर इस बीच फोटो एफिडेविट सेंटर शनिवार से खोलने का निर्णय लिया गया। साथ ही यह भी निर्णय हुआ कि शनिवार शाम चार बजे वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ बैठक कर कार्य बहिष्कार जारी रखने, आंदोलन की रणनीति और लाइन ऑफ एक्शन तय किया जाएगा।

यह निर्णय हाईकोर्ट बार अध्यक्ष अनिल तिवारी के आवास पर रात साढ़े 12 बजे तक चली कार्यकारिणी की आपात बैठक में लिया गया। बार अध्यक्ष के जूनियर धर्मेंद्र शुक्ल व उपाध्यक्ष अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी ने बताया बैठक रात नौ बजे होनी थी, लेकिन अनिल तिवारी के दिल्ली से प्रयागराज पहुंचने में विलम्ब के कारण बैठक शुक्रवार की आधी रात के बाद तक चली। कानून मंत्रालय से जस्टिस यशवंत वर्मा के स्थानांतरण की अधिसूचना जारी होने के बाद वकीलों के आंदोलन का रुख तय करने के लिए यह आपात बैठक बुलाई गई थी। क्योंकि शाम को कानून मंत्रालय से जस्टिस यशवंत वर्मा के स्थानांतरण की अधिसूचना जारी होने के कारण वकीलों का रोष बढ़ गया था। इससे पहले दिन में इस मामले को लेकर हाईकोर्ट के वकीलों का कार्य बहिष्कार लगातार चौथे दिन जारी रहा।

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उधर कार्य बहिष्कार के कारण हाईकोर्ट का कामकाज लगातार चौथे दिन बुरी तरह प्रभावित हुआ। सुबह चीफ जस्टिस की बेंच समेत अन्य न्यायाधीश न्याय कक्षों में बैठे लेकिन वकीलों के कार्य बहिष्कार के कारण सभी जज कुछ देर बाद कोर्ट से उठकर अपने चैंबरों में चले गए। वकीलों के कार्य बहिष्कार के कारण प्रदेश के दूर दराज जिलों से आए वादकारियों को फिर निराश लौटना पड़ा। न्यायिक कार्य से विरत वकीलों ने रोज की तरह शुक्रवार को भी गेट नंबर तीन के सामने सड़क पर सभा कर अपनी मांगें दोहराई। वक्ताओं ने कैश कांड में विवादित जस्टिस यशवंत वर्मा का दिल्ली से इलाहाबाद हाईकोर्ट स्थानांतरण की सिफारिश वापस लेने, इलाहाबाद हाईकोर्ट में जजों के लड़कों और उनके नाते रिश्तेदारों की वकालत में आने पर ऐसे जजों का स्थानांतरण अन्यत्र करने, हाईकोर्ट में केसों के लिस्टिंग की समस्या दूर करने और जो मुकदमे पहले दाखिल हो उनकी सुनवाई पहले किए जाने की बात कही। इन्हीं चार बिंदुओं पर प्रस्ताव भी पास हुए।

शाम को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि हाईकोर्ट बार अध्यक्ष अनिल तिवारी के आवास पर रात नौ बजे कार्यकारिणी की बुलाई गई है, जिसमें आगे आंदोलन को लेकर निर्णय लिया जाएगा। अध्यक्ष अनिल तिवारी रात साढ़े 11 बजे के बाद आवास पर पहुंचे तो वहां इंतजार कर रहे पदाधिकारियों और कार्यकारिणी सदस्यों के साथ उनकी बैठक हुई। गेट नंबर तीन के सामने दिन में हुई सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश खरे और संचालन महासचिव विक्रांत पांडेय व उपाध्यक्ष अखिलेश कुमार मिश्र ने किया। सभा को अभिषेक तिवारी, संतोष कुमार मिश्र, शशि प्रकाश सिंह, प्रशांत सिंह रिंकू सहित कई वकीलों ने संबोधित किया। आमसभा में उपाध्यक्ष अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, सुभाष चंद्र यादव, नीरज त्रिपाठी व नीलम शुक्ला, संयुक्त सचिव सुमित श्रीवास्तव, अभिजीत पांडेय, पुनीत शुक्ल व आंचल ओझा, कोषाध्यक्ष रणविजय सिंह सहित कार्यकारिणी के सदस्य और बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित रहे।

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