दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने गुरुवार (16 जून) को मुखर्जी नगर (Mukherjee Nagar) में आग (Fire) लगने की घटना पर स्वत: संज्ञान लिया है। शुक्रवार (17 जून) को जस्टिस जसमीत सिंह और विकास महाजन की पीठ ने दिल्ली सरकार (Delhi Government), दिल्ली अग्निशमन सेवा (Delhi Fire Service), पुलिस (Police) और एमसीडी (MCD) को नोटिस जारी किया और दो सप्ताह के भीतर उनकी प्रतिक्रिया मांगी। न्यायालय ने कोचिंग संस्थानों और अन्य भवनों का फायर सर्विस ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं। अब तीन जुलाई को मुख्य न्यायाधीश की अदालत इस मामले पर सुनवाई करेगी।
पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार, दिल्ली अग्निशमन सेवा, दिल्ली पुलिस और एमसीडी को नोटिस जारी करें। न्यायमूर्ति सिंह ने निर्देश दिया कि दिल्ली अग्निशमन सेवा को ऐसी इमारत में अग्नि सुरक्षा ऑडिट करने की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अग्नि सुरक्षा के पर्याप्त उपाय मौजूद हैं। क्योंकि सैकड़ों छात्र विशेष कोचिंग के लिए इन संस्थानों में जाते हैं।
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सरकार की ओर से अधिवक्ता संतोष त्रिपाठी पेश हुए। वे चाहे जितने संस्थान में बहुत से छात्र पंजीकृत हैं, उनके पास अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र है या नहीं। इस घटना को देखते हुए यह बेहद जरूरी है। पीठ ने इसके बाद दिल्ली फायर सर्विसेज को सेफ्टी ऑडिट कराने का निर्देश दिया और यह भी कहा कि फायर सर्विस अथॉरिटी यह देखेगी कि इन प्रतिष्ठानों के पास फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट हैं या नहीं।
3 जुलाई को जवाब दाखिल करना होगा
संतोष त्रिपाठी ने उच्च न्यायालय द्वारा जारी नोटिस को स्वीकार किया। अदालत ने संबंधितों को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा और मामले को मुख्य न्यायाधीश की पीठ के समक्ष 3 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। खंडपीठ ने निर्देश दिया कि इस मामले को उचित आदेश या निर्देश के लिए 3 जुलाई को माननीय मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।
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