हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है। इससे विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन होने से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार सुबह तक राज्यभर में भूस्खलन से दो नेशनल हाईवे सहित 452 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा 1814 बिजली ट्रांसफार्मर और 59 जलापूर्ति योजनाएं भी ठप हैं। मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है। इस जिले में 236 सड़कें और 1335 बिजली ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं। शिमला में 59, बिलासपुर में 40, कुल्लू में 39, हमीरपुर में 28 और सोलन में 21 सड़कें अवरुद्ध हैं। हमीरपुर में 445 ट्रांसफार्मर खराब होने से कई गांवों में बिजली गुल है। भूस्खलन से मंडी जिले में मंडी-कुल्लू नेशनल हाइवे-21 और सोलन जिले में कालका-शिमला नेशनल हाइवे पर वाहनों की आवाजाही ठप है।
शिमला जिले में रातभर हुई भारी वर्षा से जगह-जगह भूस्खलन और पेड़ों के धराशायी होने की घटनाएं सामने आने से लोग परेशान हुए। शिमला के दुधली में रविवार सुबह सड़क किनारे पार्क में तीन गाड़ियां भूस्खलन की चपेट में आ गईं। हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। पुलिस के मुताबिक भूस्खलन से तीन गाड़ियां दब गई हैं। इन्हें जेसीबी एवं क्रेन की मदद से निकाला जा रहा है।
इधर, रविवार सुबह करीब साढ़े छह बजे शिमला-बिलासपुर सड़क मार्ग पर वर्षा शालिका से आगे हीरानगर के बीच एक देवदार का पेड़ गिरने से नेशनल हाइवे लगभग ढाई घंटे अवरुद्ध रहा। इसके चलते शिमला का सम्पर्क निचले हिमाचल से कट गया था। हालांकि प्रशासन ने तुरंत सड़क से पेड़ को हटाने का काम शुरू किया और नौ बजे हाइवे को बहाल कर दिया। इसी तरह हिमलैंड् के पास सुबह भूस्खलन हुआ है। इससे छोटा शिमला और बीसीएस, कसुम्पटी की ओर जाने वाली सड़कें बंद हो गई हैं।
मौसम विभाग ने अगले तीन दिन राज्य में भारी बारिश की चेतावनी दी है। मैदानी एवं मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। विभाग ने शिमला सहित आठ जिलों में बाढ़ आने की आशंका भी जताई है। 17 अगस्त तक राज्यभर में मौसम खराब रहेगा। हिमाचल पुलिस ने खराब मौसम के मद्देनजर एडवाइजरी जारी करते हुए लोगों एवं सैलानियों से ऐहतियात बरतने की अपील की है। पर्यटकों को नदी-नालों के किनारों पर न जाने और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की यात्रा न करने की सलाह दी गई है।
रविवार सुबह 8ः30 बजे तक सुंदरनगर में सबसे ज्यादा 166 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। इसके अलावा मंडी में 115, बरठी में 83, पालमपुर में 67, बिलासपुर में 60, जुब्बड़हट्टी में 50 और शिमला में 45 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है।
हिमाचल प्रदेश में मानसून ने 24 जून को दस्तक दी थी और अब तक मानसून सीजन में भूस्खलन की 87 और बाढ़ की 54 घटनाएं सामने आई हैं। इस अवधि में वर्षा से जुड़े हादसों में 255 लोगों की जान गई है और 33 लापता हैं। भूस्खलन एवं बाढ़ की चपेट में आने से 66 लोग मारे गए हैं। मानसून सीजन में 935 मकान, 269 दुकानें और 2635 पशुशालाएं पूरी तरह धराशायी हुईं। जबकि 7758 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा। मानसून सीजन में प्रदेश के सरकारी विभागों को 6807 करोड़ का नुकसान आंका गया है। इसमें सर्वाधिक 2200 करोड़ का नुकसान लोकनिर्माण विभाग को हुआ है।
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