Himachal Pradesh के शिमला में संजौली मस्जिद को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। विवादित मस्जिद को गिराने की मांग को लेकर हिंदू संगठन सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
क्या है विवाद
शिमला के संजौली में पुरानी छोटी मस्जिद की जगह अवैध इमारत खड़ी कर दी गई। यह मस्जिद पांच मंजिला तक बनाई जा चुकी है। विवाद का कारण है कि मस्जिद को बिना किसी मंजूरी के पांच मंजिल तक बनाया गया ।इस मस्जिद का निर्माण वर्ष 2009 में शुरू हो गया था और इसे लेकर 2010 में विवाद शुरू हो गया । स्थानीय लोगों ने इस पर अपनी आपत्ति जताई वक्फ बोर्ड ने 2 साल बाद साल 2012 में मस्जिद बनाने की मंजूरी दी थी। शिमला नगर निगम की आपत्ति पर 2013 में किसी अन्य व्यक्ति ने मस्जिद की ओर एक अतिरिक्त मंजिल बनाने का प्रस्तावित नक्शा शिमला नगर निगम में जमा कराया था। इसके बावजूद 2018 तक बिना मंजूरी के पांच मंजिला मस्जिद बना डाली। हालांकि शिमला में साढ़े तीन मंजिल से ज्यादा किसी भी इमारत के निर्माण पर कानूनी रूप से प्रतिबंध है।
कैसे बन गई अवैध मस्जिद?
शिमला में भवन निर्माण को लेकर कड़े कानून है। लेकिन इन कानून का उल्लंघन करके पांच मंजिला मस्जिद कैसे बन गई? इसको लेकर जांच करने की मांग जोर पकड़ रही है। जब हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को पता चल गया कि यह मस्जिद गैर कानूनी तरीके से बनाई गई है तो सरकार इसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?
पॉलिटिक्स का अखाड़ा
शिमला में इस मस्जिद को गिराए जाने को लेकर लगातार आंदोलन हो रहा है। बीजेपी का आरोप है कि मुस्लिम वोट के नुकसान के डर से कांग्रेस सरकार निर्माण नहीं हटा रही,जबकि कांग्रेस का कहना है कि मामला अदालत में विचाराधीन है। अदालत के फैसले के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।