हिंडनबर्ग मामले (Hindenburg Case) में अडानी समूह (Adani Group) को बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) द्वारा गठित विशेष समिति को समूह के खिलाफ जांच में कोई सबूत नहीं मिला है। सर्वोच्च न्यायालय की विशेष समिति (Special Committee) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अडानी समूह द्वारा शेयर की कीमत में हेराफेरी करने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। जांच कमेटी ने सेबी की 4 रिपोर्ट का हवाला दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, यह रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय को सौंप दी गई है। इसके साथ ही विशेष समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि अडानी समूह ने स्टॉक एक्सचेंज को सभी जरूरी जानकारियां दी थीं। समूह के शेयर पहले से ही अतिरिक्त निगरानी उपायों की निगरानी में थे। गौरतलब हो कि सेबी ने ईडी को जो रिपोर्ट दी है उसमें अडानी समूह पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है। अदाणी समूह के लिए यह बड़ी राहत की खबर है।
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हिंडनबर्ग ने समूह पर लगाए थे आरोप
गौरतलब हो कि इसी साल जनवरी में हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर आरोप लगाया था कि साइप्रस और मॉरीशस में स्थित इनमें से कुछ फंड अडानी से जुड़े थे, जिनका इस्तेमाल समूह की कंपनियों के शेयर की कीमतों में हेरफेर करने के लिए किया गया था। हालांकि, अडानी समूह ने सभी आरोपों को खारिज किया है। उसके बाद जांच कमेटी का गठन किया गया।
जांच के लिए दो महीने
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने सेबी को जांच के लिए तीन महीने का अतिरिक्त समय दिया है। अब सेबी को 14 अगस्त को इस मामले में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी। हालांकि, सेबी को पहले सर्वोच्च न्यायालय ने दो महीने का समय दिया था, जिसके बाद समिति ने छह महीने का समय मांगा था। अंतत: कोर्ट ने सेबी को अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच पूरी करने के लिए दो महीने का समय दिया है।
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