मुंबई में हिन्दुद्वेषी हास्यकलाकार वीर दास और मुनव्वर फारूकी के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। इन दोनों ही कार्यक्रमों का हिन्दू जनजागृति समिति और विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों, तथा राष्ट्रप्रेमी नागरिकों ने संगठित होकर विरोध किया। इसके परिणामस्वरूप वीर दास और मुनव्वर फारूकी को मुंबई से अपना बोरिया बिस्तर बांधकर भागना पड़ा।
हिन्दू जनजागृति समिति के अनुसार हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं का आदर करते हुए पुलिस और आयोजकों ने यह कार्यक्रम रद्द किया। हिन्दू जनजागृति समिति के राज्य संगठक सुनील घनवट ने बताया कि, ‘कॉमेडी’ के नाम पर निरंतर हिन्दू देवता और उनके श्रद्धास्थानों की निंदा करना और उनका उपहास करना, इसे आजकल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कला स्वतंत्रता कहा जाता है।
दूसरे धर्मियों के श्रद्धास्थानों के बारे में किसी ने आपत्तिजनक वक्तव्य किया तो उस पर तुरंत कार्रवाई होती है, ‘सर तन से जुदा’ की धमकियां दी जाती हैं। केवल हिन्दुओं के श्रद्धास्थानों का कोई भी उपहास कर सकता है। हिन्दू यह कितने दिन सहन करें? आगे से हिन्दू अपने श्रद्धास्थानों का अपमान सहन नहीं करेंगे।
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ऐसा था कार्यक्रम
24 नवंबर के दिन शीव के षण्मुखानंद सभागृह में वीर दास का कार्यक्रम, तो 27 नवंबर को बांद्रे के ‘आर.डी. नेशनल कॉलेज’ में मुनव्वर फारूकी का कार्यक्रम होना था। इन दोनों ही कार्यक्रमों का हिन्दुत्वनिष्ठों ने संवैधानिक मार्ग से विरोध किया। हिन्दू जनजागृति समिति, श्री शिवकार्य प्रतिष्ठान, मानव सेवा संघ आदि हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के प्रतिनिधि और राष्ट्रप्रेमी नागरिकों ने वीर दास के विरोध में सायन पुलिस स्टेशन, मुंबई पुलिस आयुक्त, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री के पास शिकायत की। मुनव्वर फारूकी के विरोध में भी हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से खार पुलिस थाने में शिकायत की गई थी।