पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) के किसान (Farmer) अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। ऐसे में सोमवार को शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर किसान नेताओं (Farmer Leaders) की अहम बैठक हुई। इस बैठक में किसान संगठनों (Farmer Organizations) ने केंद्र सरकार (Central Government) के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके बाद किसानों ने आगे की दिशा स्पष्ट कर दी है।
किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि सरकार की किसानों के प्रति सच्ची भावना नहीं है। सरकार हमारी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। हमारी मांग है कि 23 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाए। सरकार ने आज जो प्रस्ताव रखा है उससे किसानों को कोई फायदा नहीं होगा।
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आंदोलन के लिए आगे क्या है?
पंधेर ने कहा कि किसान नेताओं ने आंदोलन की भविष्य की दिशा तय कर ली है और 21 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हालांकि सरकार के साथ फिलहाल कोई बैठक नहीं है, लेकिन हम चर्चा के लिए हमेशा तैयार हैं। या तो हमारी मांगें स्वीकार करें या हमें दिल्ली में शांति से बैठने दें, पंधेर ने सभी किसान भाइयों से कहीं भी हिंसा न करने की अपील भी की।
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