हैदराबाद में नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में भाजपा ने तेलंगाना की केसीआर सरकार और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया है। भाजपा ने पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने और सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है। वहीं, कांग्रेस की भी मांग है कि सरकार इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाए।
इस मामले में कुछ नेताओं के संबंधियों के शामि ल होने के आरोप के बीच राज्य सरकार पर मामले में त्वरित कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है। तेलंगाना भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय ने 5 जून को कहा कि पूरे प्रकरण की सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर वे 6 जून को तेलंगाना उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।
बंदी संजय ने मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) को लिखे पत्र में राज्य में कानून व्यवस्था की समस्या, पिछले 8 वर्षों में हुई कई घटनाओं पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की भी मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि राज्य सरकार सीबीआई जांच के लिए आगे नहीं आई तो भाजपा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ने को तैयार है।
बंदी संजय ने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले पर यदि नजर डाली जाए तो सरकारी तंत्र और पुलिस आरोपितों के पक्ष में खड़ी दिख रही हैं। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होने में जनता को संदेह है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की सहयोगी एआईएमआईएम को इस केस से बचाने के लिए पुलिस सीसी फुटेज आदि सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कटिबद्ध है।
उल्लेखनीय है कि 4 जून को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने हैदराबाद में 17 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में हुई देरी को लेकर पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि दुष्कर्म की यह घटना 28 मई को हुई, लेकिन प्राथमिकी तीन बाद यानी 31 मई को दर्ज की गई। प्राथमिकी दर्ज करने में हुई देरी चिंता का विषय है। आयोग ने पुलिस से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि मामले की जांच के दौरान पीड़िता की पहचान गुप्त रखी जाए।
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