हैदरपुर वॉटर प्लांट कांड, पत्नी ने फोन नहीं उठाया तो कर दिया महापाप

हैदरपुर वाटर प्लांट के अंदर तैनात सिक्किम पुलिस के लांस नायक ने गुस्से में आकर 18 जुलाई दोपहर तीन बजे कमांडर समेत तीन जवानों को अपनी सर्विस साइफल्स से गोली मारकर हत्या कर दी। उसके बाद खुद समयपुर बादली थाने जाकर आत्मसमर्पण कर दिया।

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रोहिणी जिले के केएन कार्टजू मार्ग स्थित हैदरपुर वॉटर प्लांट में सुरक्षा में तैनात सिक्किम पुलिस के लांस नायक द्वारा अपने कमांडर और दो सिपाहियों की सर्विस रायफल से गोली मारकर हत्या करने के मामले में पुलिस आरोपित से लगातार पूछताछ कर रही है। पुलिस सूत्रों की मानें तो शुरूआत में आरोपित ने किसी को कोई जवाब नहीं दिया। पुलिस वालों से भी हाथापाई एवं बहसबाजी की थी। आरोपित को काफी मशक्कत के बाद शांत किया था।

पूछताछ करने पर पता चला कि उसकी एक छोटी बेटी है। पत्नी से किसी बात को लेकर विवाद चल रहा है। वह अपने पास फोन नहीं रखता है। वह जब भी पत्नी या फिर परिवार वालों को फोन किया करता था तो दूसरे से फोन लेकर ही करता था। वारदात से पहले भी उसने अपने एक साथी से फोन लेकर पत्नी को फोन किया था, लेकिन कई बार फोन नहीं उठाने पर वह गुस्से में आ गया था। तभी बैरेक में उसकी उसी बात को लेकर कहासुनी साथियों से हो गई थी। जिसके बाद उसने गुस्से में आकर साथियों को गोली मार दी।

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पुलिस अधिकारियों की मानें तो शुरूआती जांच में पुलिस टीम, सिक्किम पुलिस एवं सीआईएसएफ के साथ मिलकर उन पुलिस वालों से जानने की कोशिश कर रही है,जो मौके पर तैनात थे। उनसे पिछले दस दिनों के बारे में जानने की कोशिश की जा रही है कि तीनों किस तरह से आरोपित लांस नायक से बातें करते थे।

पुलिस लांस नायक का मोबाइल फोन भी जब्त कर उसकी कॉल डिटेल खंगालकर उसके परिवारवालों से भी पूछताछ करने की कोशिश कर रही है। सूत्रों की मानें तो आरोपित से पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि तीनों उससे किस तरह से मानसिक रूप से परेशान किया करते थे। उसने इस बारे में अधिकारियों को क्या लिखित में कोई शिकायत दी थी या नहीं।

वारदात के बाद खुद चला गया था थाने
उल्लेखनीय है कि, हैदरपुर वाटर प्लांट के अंदर तैनात सिक्किम पुलिस के लांस नायक ने गुस्से में आकर 18 जुलाई दोपहर तीन बजे कमांडर समेत तीन जवानों को अपनी सर्विस राइफल से गोली मारकर हत्या कर दी। उसके बाद खुद समयपुर बादली थाने जाकर आत्मसमर्पण कर दिया।

आरोपित की पहचान लांस नायक प्रवीण राय के रूप में हुई है। जबकि मृतकों की पहचान कमांडर पिंटो नामग्याल भूटिया, कांस्टेबल धनहांग सुब्बा व इंदरा लाल छेत्री के रूप में हुई है। कमांडर पिंटो नामग्याल भूटिया 2012 के उसी बैच के हैं। कांस्टेबल धनहंग सुब्बा 2013 बैच के जबकि कांस्टेबल इंद्र लाल छेत्री 2013 बैच का था। वारदात के वक्त चारों हैदरपुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में अपने बैरक के अंदर थे।

एक बाथरूम में तो एक पलंग के बीच में पड़ी थी लाश
दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी,फोरेंसिक टीम व रोहिणी जेल में तैनात सीआरपीएफ की 89 बटालियन के जवान भी तुरंत वॉटर प्लांट पहुंचें। जहां पर फर्श पर पिंटो नामग्याल भूटिया, धनहांग सुब्बा, इंदरा लाल छेत्री खून से लथपथ हालत में पड़े हुए थे। फर्श पर ही कारतूस के कई खोल पड़े हुए थे। जिनपर खून लगा हुआ था। तीनों बैरेक में कुछ कुछ दूरी पर पड़े हुए थे। एक बॉडी बाथरूम में उल्टा पड़ी थी। जबकि एक की दो फोल्डिंग प्लंग के बीच में पड़ी थी। जिसके दोनों पैर एक बिस्तर के ढेर के ऊपर थे।

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