मनी लॉन्ड्रिंग मामलाः जमानत अर्जी पर जल्दी सुनवाई के लिए बॉम्बे उच्च न्यायालय ने नवाब मलिक को दिया ये निर्देश

ईडी ने कहा कि अगर वे गंभीर रूप से बीमार हैं तो उन्हें खुद जांच एजेंसी को रिपोर्ट करनी होगी। विशेष न्यायालय ने अपने आदेश में उल्लेख किया है कि मलिक की जमानत अर्जी मेडिकल रिपोर्ट नहीं पेश करने के कारण खारिज की गई थी।

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बॉम्बे उच्च न्यायालय ने कहा है कि नवाब मलिक, अगर तत्काल जमानत की सुनवाई चाहते हैं, तो हमें विश्वास दिलाएं कि वे वास्तव में बीमार हैं। ईडी ने मलिक की जमानत अर्जी का विरोध किया था। ईडी ने दावा किया है कि मलिक पीएमएलए अधिनियम की धारा 45 के प्रावधानों के तहत बीमार नहीं हैं। इस पर हाईकोर्ट ने नवाब मलिक की जमानत पर सुनवाई एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दी और दोनों पक्षों के वकीलों को निर्देश दिया कि 21 फरवरी को होने वाली सुनवाई में सिर्फ मलिक के स्वास्थ्य पर बहस करें।

नवाब मलिक की ओर से दावा किया है कि उनकी एक किडनी फेल हो गई है और वे इस समय एक ही किडनी पर हैं। फिर भी ईडी उन्हें बरी करने का विरोध कर रही है। मलिक के वकील ने बताया कि वह पिछले कई महीनों से कुर्ला के क्रिटी केयर अस्पताल में भर्ती हैं और वे किडनी ट्रांसप्लांट के लिए दूसरे बड़े अस्पताल में भर्ती होना चाहते हैं।

मेडिकल रिपोर्ट नहीं पेश कर पाए थे मलिक
मुंबई सत्र न्यायालय के निर्देश के अनुसार, सरकारी वकील द्वारा मलिक का टेस्ट पूरा हो चुका है और रिपोर्ट न्यायालय में लंबित है। अब विशेष न्यायालय में जल्द ही इस पर सुनवाई होने की उम्मीद है। नवाब मलिक ने तबीयत खराब होने की वजह से जमानत के लिए अर्जी दी थी, लेकिन ईडी ने मलिक की मेडिकल जांच रिपोर्ट मांगी थी। मलिक ने ईडी की इस मांग का विरोध किया कि वे गंभीर रूप से बीमार हैं। ईडी ने कहा कि अगर वे गंभीर रूप से बीमार हैं तो उन्हें खुद जांच एजेंसी को रिपोर्ट करनी होगी। विशेष न्यायालय ने अपने आदेश में उल्लेख किया है कि मलिक की जमानत अर्जी मेडिकल रिपोर्ट नहीं पेश करने के कारण खारिज की गई थी।

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