‘अग्निवीरों’ के लिए बीए डिग्री पाठ्यक्रम, सेना के साथ इस विश्वविद्यालय ने किया समझौता

योजना के तहत पांच कार्यक्रम पेश किए गए हैं। इसमें बीएएएस- बैचलर ऑफ आर्ट्स (एप्लाइड स्किल्स), बीएएएसटीएम- बैचलर ऑफ आर्ट्स (एप्लाइड स्किल्स) पर्यटन प्रबंधन, बीएएएसएमएसएमई- बैचलर ऑफ आर्ट्स (एप्लाइड स्किल्स) एमएसएमई, बीसीओएमएएस- बैचलर ऑफ कॉमर्स (एप्लाइड स्किल्स) और बीएससीएएस- बैचलर ऑफ साइंस (एप्लाइड स्किल्स) शामिल हैं।

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इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने ‘अग्निपथ’ योजना के तहत सेना में भर्ती हुए ‘अग्निवीरों’ के लिए कौशल-आधारित स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम शुरू किया है। इग्नू ने इसके लिए तीनों सेनाओं के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

योजना के तहत पांच कार्यक्रम पेश किए गए हैं। इसमें बीएएएस- बैचलर ऑफ आर्ट्स (एप्लाइड स्किल्स), बीएएएसटीएम- बैचलर ऑफ आर्ट्स (एप्लाइड स्किल्स) पर्यटन प्रबंधन, बीएएएसएमएसएमई- बैचलर ऑफ आर्ट्स (एप्लाइड स्किल्स) एमएसएमई, बीसीओएमएएस- बैचलर ऑफ कॉमर्स (एप्लाइड स्किल्स) और बीएससीएएस- बैचलर ऑफ साइंस (एप्लाइड स्किल्स) शामिल हैं।

ये कार्यक्रम अनुशासन-आधारित पाठ्यक्रमों और कौशल पाठ्यक्रमों का एक अनूठा मिश्रण हैं। कार्यक्रम में 120 क्रेडिट शामिल हैं, जिनमें से 60 क्रेडिट के पाठ्यक्रम इग्नू द्वारा पेश किए जाते हैं, जबकि शेष 60 क्रेडिट सशस्त्र बलों द्वारा सेवाकालीन कौशल शिक्षा के रूप में पेश किए जाते हैं। सशस्त्र बलों द्वारा पेश किए जाने वाले कौशल पाठ्यक्रमों को कौशल शिक्षा के लिए नियामक संस्था, राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) द्वारा अनुमोदित किया जाता है। ये कार्यक्रम कौशल शिक्षा के साथ उच्च शिक्षा के एकीकरण के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिश के अनुरूप भी हैं।

इस पहल से अग्निवीरों को सेवा के दौरान स्नातक की डिग्री प्राप्त करने में मदद मिलेगी और सेवा के बाद उनकी रोजगार क्षमता में सुधार होगा।

मंगलवार को इग्नू परिसर में आयोजित एक समारोह में भारतीय वायु सेना के अग्निवीरों के प्रवेश के लिए कार्यक्रम शुरू किए गए। इसे इग्नू के कुलपति प्रोफेसर नागेश्वर राव और एयर मार्शल एसके झा ने लॉन्च किया। इस दौरान अग्निवीरों के लिए डिज़ाइन किया गया एक विशेष प्रवेश पोर्टल भी शुरू किया गया। इस दौरान प्रो-वाइस चांसलर, स्कूलों और डिवीजनों के निदेशक, सभी क्षेत्रीय केंद्रों के क्षेत्रीय निदेशक और भारतीय बल के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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