राष्ट्रवाद बनाम दहशतगर्दी: भाजपा राज में एक और हिंदू पर जानलेवा हमला

जम्मू कश्मीर में शांति और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली की चर्चा के दौरान ही राष्ट्रवादी विचारों पर हमला होने लगा है। इससे राज्य में हिंदुओं की भावनाओं को गंभीर चोट पहुंच रही है। यह सब उस समय हो रहा है जब केंद्रीय सदन से राज्य की सड़क तक हिंदुओं की रक्षा करने की छाती पीटनेवाली सरकार है।

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जम्मू के किश्तवाड़ में जम्मू के अधिकार और हिंदुओं की आवाज बुलंद करने की सजा एक नौजवान को दी गई है। गुरुवार को प्रधानमंत्री की बैठक में जम्मू के प्रतिनिधित्व को कम आंकने पर नाराजगी प्रकट करना इस प्रखर हिंदुत्ववादी युवक मनेश्वर शर्मा को महंगा पड़ गया। विरोध प्रदर्शन के लिए पुलिस ने युवक को जमानती धाराएं होने पर भी घंटों बैठाए रखा और छूटने के 24 घंटे के भीतर ही मनेश्वर शर्मा पर राजनीतिक आश्रय प्राप्त एक अपराधी प्रवृत्ति के शख्स ने जानलेवा हमला कर दिया।

वैसे, जम्मू कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी की अपरोक्ष सत्ता है। कहने को हिंदुत्व के रक्षकों का राज है पर यहां हिंदू ही असुरक्षित हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस असुरक्षा की भावना को उत्पन्न करने में पर्दे के पीछे एक पूर्व मंत्री का हाथ है। इस क्षेत्र में जो भी हिंदू राजनीतिक रूप से उभरता है उसे वहां के छत्रपों की नजर लग जाती है।

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इक्कजुट्ट जम्मू के खिलाफ बड़ा षड्यंत्र
मनेस्वर शर्मा शनिवार सबेरे किश्तवाड़ के परेड ग्राउंड के लिए निकले थे। वे किश्तवाड़ में प्रखर राष्ट्रवादी संगठन इक्कजुट्ट जम्मू के पदाधिकारी हैं। इस दौरान उन पर हमला हो गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस हमले का नेतृत्व रणमीत परिहार नामक शख्स कर रहा था। इस हमले में हथियार का भी उपयोग करने की कोशिश हुई पर वह सफल नहीं हो पाई। उसके अन्य साथी इस बीच फरार हो गए। गंभीर अवस्था में मनेश्वर शर्मा को पहले जिला अस्पताल ले जाया गया। परंतु उनकी गंभीर चोट को देखते हुए उन्हें डोडा स्थानांतरित किया गया है।

आरोपी को प्राप्त है राजनीतिक आश्रय?
इस हमले में प्रशासन पर आरोप है कि वह आरोपियों को बचाने में लग गया है। जैसे ही मनेश्वर शर्मा के गंभीर रूप से घायल होने के कारण दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित करने की खबर मिली ऐसा आरोप है कि इस प्रकरण का मुख्य आरोपी रनमीत परिहार भी अस्पताल में भर्ती हो गया। बताया जाता है कि रनमीत पेशे से शिक्षक है परंतु, स्थानीय नेता का उसे आश्रय प्राप्त है जिसकी धौंस देकर वह लोगों से मारपीट, गाली गलौच करता रहता है। हिंदुस्थान पोस्ट ने इस संदर्भ में प्रशासन से बात करने का प्रयत्न किया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।

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पहले आतंकी संगठन और अब स्थानीय गुंडों के निशाने पर
जम्मू कश्मीर के राष्ट्रवादी विचारक और हिंदुओं की पार्टी है इक्कजुट्ट जम्मू। यह स्थापना से ही हिंदुओं के हितों की रक्षा और कश्मीर की आड़ में खेले जा रहे इस्लामी तुष्टीकरण की नीति का विरोध करता रहा है। इसका उद्देश्य जम्मू के स्वाभिमान को ठेस न लगने देना है और यही बात राजनीतिक दलों और आतंकियों को रास नहीं आ रही है।

इक्कजुट्ट जम्मू के अध्यक्ष अंकुर शर्मा को 2019 में ही आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन द्वारा धमकी दी गई थी। परंतु, शनिवार को किश्तवाड़ में इक्कजुट्ट जम्मू के पदाधिकारी पर हुआ हमला स्थानीय दबंगों के माध्यम से कराया गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार इसके पीछे वे लोग हैं जिन्हें अपनी राजनीति पर अब खतरा दिख रहा है।

मनेश्वर शर्मा पर हुआ हमला नेताओं और आपराधियों की मिली भगत का हिस्सा हो सकता है। इस प्रकरण में स्थानीय पुलिस प्रशासन की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। मनेश्वर शर्मा पर हमला होने के बाद का प्रशासन का रुख उसके किसी के प्रभाव में काम करने का संशय उत्पन्न करता है। इक्कजुट्ट इस सिलसिले में लिखित शिकायत प्रकरण की विस्तृत जांच करने जा रही है।

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