केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; प्रधानमंत्री कार्यालय, अंतरिक्ष तथा परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Dr. Jitendra Singh) ने हाल ही भारत में संपन्न जी-20 शिखर सम्मेलन (G-20 summit) और जी-20 नेताओं द्वारा स्वीकृत नई दिल्ली घोषणापत्र (New Delhi Declaration) के परिणामों के बारे में 10 सितंबर को मीडिया को जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने प्रस्तावित भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) का विशेष रूप से उल्लेख किया।
भारत के ‘काबुलीवाला’ दिनों की याद दिलाया
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जी-20 के माध्यम से “भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा” विभाजन के बाद इस क्षेत्र में विस्तारित और बहुत दूर तक संपर्क सुविधा बहाल करने की भारत की कल्पना को साकार करता है। उन्होंने कहा कि यह पहल संबंधित क्षेत्र में पाकिस्तान (Pakistan) द्वारा भूमि का इस्तेमाल होने देने से इनकार करने और चीन (China) द्वारा कथित तौर पर कनेक्टिविटी डिजाइनों से उत्पन्न हुई बाधाओं को दूर करेगी। डॉ. जितेंद्र सिंह ने भावुक होते हुए कहा कि यह समय व्यक्तिगत रूप से मुझे विभाजन-पूर्व भारत के ‘काबुलीवाला’ दिनों में लेकर चला गया था।
रेलवे और जलपोत-रेल पारगमन नेटवर्क तथा सड़क परिवहन मार्ग बनेंगे
नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर मुख्य कार्यक्रम से इतर वैश्विक बुनियादी ढांचे ए(global infrastructure) वं निवेश (पीजीआईआई) और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे के लिए साझेदारी पर अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ एक विशेष कार्यक्रम की सह-अध्यक्षता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर की घोषणा की। भारत-मध्य पूर्व- यूरोप आर्थिक गलियारे में भारत को खाड़ी क्षेत्र से जोड़ने वाला एक पूर्वी गलियारा और खाड़ी क्षेत्र को यूरोप से जोड़ने वाला एक उत्तरी गलियारा शामिल है। इसमें रेलवे (Railway) और जलपोत-रेल पारगमन नेटवर्क (ship-rail transit network) तथा सड़क परिवहन (road transport ) मार्ग शामिल होंगे। भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे से संबंधित समझौता ज्ञापन पर भारत, अमरीका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीय संघ, इटली, फ्रांस और जर्मनी ने हस्ताक्षर किए।
संपर्क सुविधा बहाल होने से बढ़ेगा व्यापार और विश्वास
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उल्लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि बेहतर संपर्क सुविधा बहाल होने से न केवल व्यापार बढ़ता है, बल्कि यह बढ़ते हुए विश्वास के स्रोत के रूप में भी कार्य करता है। उन्होंने कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा संबंधित क्षेत्र में पाकिस्तान और चीन द्वारा उनके मंसूबों से उत्पन्न हुई बाधाओं को दूर करने में सहायता करेगा। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसीलिए भारत ने एक रास्ता तलाश लिया है, जिससे वह न केवल आर्थिक गतिविधियों से जुड़ेगा, बल्कि वैश्विक समुदाय के बीच अधिक एकजुटता के कारणों से भी संबंध स्थापित करेगा।
दिल्ली घोषणापत्र में विवादास्पद मुद्दों को उचित तरीके से निपटाया गया
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जी20 दिल्ली घोषणापत्र में यूक्रेन जैसे विवादास्पद मुद्दों को “बिना किसी टाल-मटोल के और बहुत ही उचित तरीके से” निपटाया गया है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, घोषणापत्र में स्वीकार किया गया है कि जी-20 का जनादेश आर्थिक सहयोग के लिए एक मंच के रूप में कार्य करना है, लेकिन साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना आवश्यक है कि युद्ध के परिणामस्वरूप आर्थिक संकट उत्पन्न होते हैं। ऐसी स्थिति में हम दुनिया भर में युद्धों और संघर्षों के अत्यधिक मानवीय कष्ट एवं प्रतिकूल प्रभाव पर गहरी चिंता के साथ ध्यान दे रहे हैं।
यह भी पढ़ें- भारत नाम का अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में उपयोग किए जाने पर भाजपा ने कही ये बात
Join Our WhatsApp Community