मानव सभ्यता के विकास में बांधों का महत्वपूर्ण योगदानः गजेंद्र सिंह शेखावत

बांधों की संख्या के मामले में छह हजार से अधिक बांधों के साथ भारत का दुनिया में तीसरा स्थान है। इन बड़े बांधों में से लगभग 80 प्रतिशत बांध 25 वर्ष से अधिक पुराने हैं और 234 बांध तो शताब्दी पार कर चुके हैं। इसलिए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना अनिवार्य है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का चौतरफा विकास हो रहा है। आज भारत अतंरिक्ष समेत हर क्षेत्र में अपनी प्रगति से दुनिया का ध्यान आकर्षित कर रहा है। भारत बांधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 (Dam Safety Act 2021) इस दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। इससे भारत बांध सुरक्षा में प्रभावी भूमिका का निर्वहन करेगा। उक्त बातें केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने 14 सितंबर को जयपुर में बांध सुरक्षा (dam safety) पर केंद्रित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कही।

बाढ़ प्रबंधन में उपयोगी भूमिका निभाते हैं बाध
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि हजारों वर्षों से मानव सभ्यता (human civilization) के विकास में बांधों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बांध न केवल पीने के पानी, सिंचाई, जलविद्युत आदि की बढ़ती मांगों को पूरा करने में योगदान दे रहे हैं, बल्कि विनाशकारी बाढ़ के प्रबंधन में भी उपयोगी भूमिका निभाते हैं। भारत में बांध निर्माण का गौरवशाली इतिहास रहा है। भारत में करीब दो हजार वर्ष पहले चोल वंश के राजा करिकलन ने कल्लनई (ग्रैंड एनीकट) के रूप में कावेरी नदी पर पहला बांध बनवाया था। यह बांध आज भी काम कर रहा है और दस लाख एकड़ भूमि की सिंचाई में मदद कर रहा है।

बांधों की सुरक्षा जरूरी
बांधों की संख्या के मामले में छह हजार से अधिक बांधों के साथ भारत का दुनिया में तीसरा स्थान है। इन बड़े बांधों में से लगभग 80 प्रतिशत बांध 25 वर्ष से अधिक पुराने हैं और 234 बांध तो शताब्दी पार कर चुके हैं। इसलिए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना अनिवार्य है। केंद्रीय मंत्री ने भारत में बांध टूटने की घटनाओं का वर्णन करते हुए कहा कि 1979 में माचू बांध टूटने के कारण मोरबी शहर को विस्थापित करना पड़ा था। उस समय विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट में बांधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई सुझाव दिए थे। दुर्भाग्य है कि उन सुझावों पर पूर्व में अमल नहीं किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिशा में ठोस कदम उठाया और बांध सुरक्षा अधिनियम लागू किया।

बांध सुरक्षा पर राज्य समिति का गठन
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि पहले एक वर्ष में महज कुछ सौ बांधों का निरीक्षण होता था। बांध सुरक्षा अधिनियम लागू होने के बाद यह संख्या बढ़कर 12 हजार तक पहुंच गई है। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने बांध सुरक्षा पर राज्य समिति का गठन किया है और राज्य बांध सुरक्षा संगठन की स्थापना भी कर ली है।

बांध सुरक्षा और बांध इंजीनियरिंग पर मास्टर्स कार्यक्रम
उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले अमेरिका के नॉक्सविले में टेनेसी वैली अथॉरिटी का दौरा किया। उनके द्वारा बांध सुरक्षा के लिए अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी प्राप्त हुई। बकौल केंद्रीय मंत्री पीएम के नेतृत्व में भारत ने विगत दस सालों में इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। बांध सुरक्षा के क्षेत्र में विषय विशेषज्ञों का समूह बनाने के मकसद से आईआईटी रूड़की और आईआईएससी बेंगलुरू में बांध सुरक्षा और बांध इंजीनियरिंग (dam engineering) पर मास्टर्स कार्यक्रम भी शुरू किया गया है।

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