संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध स्थिति में हुई मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। उनकी मौत की गुत्थी 21 सितंबर को भी नहीं सुलझ सकी और इस मामले में उनके सुसाइड नोट समेत तमाम सबूतों के आधार पर योग गुरू आनंद गिरि को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी से पहले उनसे लंबी पूछताछ की गई। उनके साथ ही सुसाइड नोट में दोषी ठहराए गए दो अन्य लोग भी पुलिस हिरासत में हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुलिस ने विशेष जांच टीम गठित कर मामले की जांच कर रही है। 21 सितंबर को सुबह महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि देने पहुंचे सीएम ने कहा था कि दोषियों को कानून के दायरे में कड़ी सजा दिलाई जाएगी। 22 सिंतबर को पांच डॉक्टरों का पैनल उनका पोस्टमार्टम करेगा। उसके बाद 23 सितंबर को श्री मठ बाघंबरी में ही उन्हें समाधि दी जाएगी।
संदेहास्पद अवस्था में पाया गया शव
बता दें कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत गिरी का शव उनके कमरे में पाया गया था। उनके कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था और शव के पास सात पन्नों का एक पत्र भी पाया गया था। महंत नरेंद्र गिरी का शव प्रयागराज के उनके बाघंबरी मठ में पाया गया था। उनके शव को पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी थी। सूत्रों के अनुसार महंत नरेंद्र गिरी ने अपने शिष्य आनंद गिरि पर परेशान करने का आरोप लगाया है। इस पत्र में वसीयत की बातें भी लिखी गई हैं।महंत नरेंद्र गिरी का शव पंखे से लटकता हुआ पाया गया था।