G-20 सम्मेलन में गृहमंत्री ने बताए डिजिटल दुनिया के लाभ और चैलेंज, बताए कैसे रुकेगा साइबर अपराध

केन्द्रीय गृह मंत्री ने तेजी से जुड़ रही दुनिया में साइबर रेज़िलिएन्स स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भारत G-20 की अध्यक्षता कर रहा है और भारत का G-20 अध्‍यक्षता का विषय - "वसुधैव कुटुम्बकम्" अर्थात “वन अर्थ – वन फैमिली – वन फ्यूचर” है, जो हमारी सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है। 

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज हरियाणा के गुरूग्राम में NFTs, AI और Metaverse के युग में अपराध और सुरक्षा पर G-20 सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। अपने संबोधन की शुरूआत में केन्द्रीय गृह मंत्री ने तेजी से जुड़ रही दुनिया में साइबर रेज़िलिएन्स स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भारत G-20 की अध्यक्षता कर रहा है और भारत का G-20 अध्‍यक्षता का विषय – “वसुधैव कुटुम्बकम्” अर्थात “वन अर्थ – वन फैमिली – वन फ्यूचर” है, जो हमारी सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह वाक्य शायद आज की ‘डिजिटल दुनिया’ के लिए सबसे अधिक प्रासंगिक है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज कुछ असामाजिक तत्व तथा स्वार्थी वैश्विक ताकतें भी हैं, जो नागरिकों और सरकारों को, आर्थिक और सामाजिक नुकसान पहुँचाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही हैं। ऐसे में यह सम्मेलन इसलिए अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि यह डिजिटल दुनिया को सभी के लिए सुरक्षित बनाने और कोऑर्डिनेटेड एक्शन की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण वैश्विक पहल हो सकती है।

शाह ने कहा कि साथ ही साइबर खतरों की संभावनाएँ भी बढ़ी हैं। इस संदर्भ में यह सम्मेलन, G-20 प्रेसीडेंसी की एक नई और अनूठी पहल है और G-20 में साइबर सुरक्षा पर यह पहला सम्मेलन है। उन्होंने कहा कि G-20 ने अब तक आर्थिक दृष्टिकोण से डिजिटल परिवर्तन और डेटा फ्लो पर ध्यान केंद्रित किया है, लेकिन अब क्राइम और सिक्योरिटी आस्पेक्ट्स को समझना और समाधान निकालना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि NFT, AI, मेटावर्स तथा अन्य इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के युग में कोऑर्डिनेटेड और कोऑपरेटिव तरीके से नए और उभरते खतरों के लिए समय पर प्रतिक्रिया देकर हमें आगे रहना है।

शाह ने कहा कि पीएम मोदी जी ने टेक्नोलॉजी के उपयोग में ‘कम्पैशन’ और ‘सेंसिटिविटी’ सुनिश्चित करने के लिए “इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स” को “इमोशन्स ऑफ़ थिंग्स” के साथ जोड़ा है। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में इन्टरनेट कनेक्शन में 250% की बढ़ोतरी हुई है और प्रति GB डाटा की लागत में 96% कमी आई है। शाह ने कहा कि एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन उमंग एप्प लाया गया, जिसमें 53 मिलियन रजिस्ट्रेशन्स हैं। सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी के इनिशिएटिव्स ने, एक दशक में भारत को एक ‘डिजिटल राष्ट्र’ में बदल दिया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि G-20 के मंच पर साइबर सिक्योरिटी पर अधिक ध्‍यान देने से, अहम ‘इनफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर’ और ‘डिजिटल पब्लिक प्लेटफार्मों’ की सुरक्षा और संपूर्णता सुनिश्चित करने में सकारात्‍मक योगदान मिल सकता है। उन्होंने कहा कि G-20 के मंच पर साइबर सिक्योरिटी और साइबर क्राइम पर विचार-विमर्श करने से इंटेलिजेंस और इनफॉर्मेशन शेयरिंग नेटवर्क’ के विकास में मदद मिलेगी और इस क्षेत्र में ‘ग्लोबल कोऑपरेशन’ को बल मिलेगा।

अपने संबोधन के अंत में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि कोई भी देश या संगठन, अकेले साइबर खतरों का मुकाबला नहीं कर सकता है – इसके लिए एक संयुक्त मोर्चे की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारे भविष्य ने हमें यह अवसर दिया है कि हम संवेदनशीलता के साथ टेक्नोलॉजी का उपयोग करने और सार्वजनिक सुरक्षा तथा संरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर अटल रहें, और, यह कार्य अकेले सरकारों द्वारा नहीं संभाला जा सकता है। शाह ने कहा कि हमारा लक्ष्य ‘साइबर सक्सेस वर्ल्ड’ का निर्माण करना है, न कि ‘साइबर फेल्योर वर्ल्ड’ का। उन्होंने कहा कि साथ मिलकर हम, सभी के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध डिजिटल भविष्य सुनिश्चित करते हुए इन टेक्नोलॉजीज की क्षमता का उपयोग कर सकते हैं। इस दो दिवसीय सम्मेलन में G20 देशों, 9 विशेष आमंत्रित देशों, अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं, प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी लोगों, भारत और दुनियाभर के डोमेन विशेषज्ञों सहित 900 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।

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